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मुरादाबाद में भूमाफियाओं का आतंक: नमन और अभिनंदन जैन का कब्जा

मुरादाबाद में नमन और अभिनंदन जैन द्वारा कमजोर लोगों की जमीनों पर कब्जा करने की घटनाएं सामने आई हैं। इन दबंगों ने दो युवतियों के मकान पर कब्जा कर लिया और उनकी संपत्ति को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवा लिया। पीड़ित युवतियां न्याय की उम्मीद में अधिकारियों के पास गईं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इस मामले में संघ प्रचारक की ऊंची पहुंच का हवाला दिया जा रहा है। क्या सरकार इन भूमाफियाओं पर कार्रवाई करेगी? जानें पूरी कहानी।
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मुरादाबाद में भूमाफियाओं का आतंक: नमन और अभिनंदन जैन का कब्जा

मुरादाबाद में भूमाफियाओं की करतूतें

मुरादाबाद। मुरादाबाद में संघ प्रचारक के संरक्षण में नमन जैन और अभिनंदन जैन (मुन्ना जैन) द्वारा विवादित जमीनों पर कब्जा करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इनकी ताकत के चलते ये कमजोर लोगों की संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं। यह मामला मंडी चौक के राजो गली क्षेत्र का है, जहां इन दबंगों ने दो युवतियों के घर का ताला तोड़कर उस पर कब्जा कर लिया। पीड़िताएं अपनी शिकायत लेकर दर-दर भटकती रहीं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। पीड़िताओं का कहना है कि, दबंग अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर उन्हें धमका रहे हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।


किराए पर लिया मकान, फिर किया कब्जा

किराए लिया फिर कर लिया कब्जा
साक्षी और नेहा महरोत्रा दो बहनें हैं, जो लंबे समय से अपने परिवार के साथ इस मकान में रह रही थीं। माता-पिता के निधन के बाद, दोनों बहनें बाहर रहने लगीं, जिसमें से एक की शादी हो चुकी है। इन्होंने 2015 में इस मकान के एक हिस्से को अभिनंदन जैन को किराए पर दिया था। इसके बाद नमन और अभिनंदन जैन ने मिलकर इस मकान पर कब्जा कर लिया। कई बार इन बहनों ने मकान वापस देने की गुहार लगाई, लेकिन दबंग उन्हें धमकाते रहे। शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।


फर्जी रजिस्ट्री के जरिए कब्जा

फर्जी तरीके से कराई मकान की रजिस्ट्री
अभिनंदन और नमन जैन ने साक्षी और नेहा महरोत्रा के मकान की फर्जी रजिस्ट्री करवा ली। इस प्रक्रिया के माध्यम से उन्होंने इस मकान पर अपना कब्जा जमा लिया। पीड़ित युवतियां न्याय की उम्मीद में आलाधिकारियों के पास गईं, लेकिन उन्हें कहीं से राहत नहीं मिली। बताया जा रहा है कि अभिनंदन और नमन जैन की ऊंची पहुंच के कारण उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।


सामान की चोरी और धमकियां

ताला तोड़कर घर के सामान को किया गायब
अपनी ऊंची रसूख का दावा करने वाले अभिनंदन और नमन जैन ने इस मकान पर कब्जा करने के बाद उसका ताला तोड़ दिया और घर में रखे सामान को गायब कर दिया। पीड़ित युवतियां अब अपने ही मकान में रहने के लिए दर-दर भटक रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या संघ प्रचारक के संरक्षण में ये लोग महिलाओं की संपत्तियों पर कब्जा करेंगे? क्या सरकार इन पर कोई कार्रवाई करेगी या ये इसी तरह से अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर लोगों की संपत्तियों पर कब्जा करते रहेंगे?


धमकाने की घटनाएं

ऊंची रसूख का हवाला देकर पीड़ितों को है धमकाता
जब पीड़ित बहनें अपने मकान पर जाती हैं, तो अभिनंदन और नमन जैन उन्हें धमकाते हैं। यह केवल इस जमीन तक सीमित नहीं है; मुरादाबाद में कई अन्य जमीनों पर भी इनका कब्जा है। ये विवादित जमीनों को अपनी रसूख का इस्तेमाल कर सस्ते दामों में खरीद लेते हैं और फिर उन्हें करोड़ों में बेच देते हैं।


धन के बल पर बन गए अरबपति

चंद दिनों में बने अरबों के मालिक
नमन और अभिनंदन जैन के गिरोह में अन्य लोग भी शामिल हैं, जैसे अर्पित मिश्रा और गोपाल मिश्रा, जो विवादित जमीनों को सस्ते दामों में खरीदकर करोड़ों में बेचते हैं। सूत्रों के अनुसार, मुरादाबाद में इन्होंने कई बेशकीमती जमीनों पर कब्जा किया है। विवादित जमीनों से कमाए गए पैसे को ये अब अन्य राज्यों में भी निवेश कर रहे हैं। पहले भी अशोक सिंघल की पुत्रवधु ने इनके खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।


सरकार का नाम लेकर डराना

सरकार का नाम लेकर लोगों को हैं डराते
इन सभी पर एक संघ प्रचारक का हाथ है, जो खुद भी पदाधिकारी हैं और अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देते हैं। इसके चलते पुलिस-प्रशासन भी इनसे बचता है। नमन और अभिनंदन जैन ने मुरादाबाद में कई लोगों की जमीनों पर कब्जा किया है। बेवस लोगों को ये डरा-धमकाकर उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर लेते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या योगी राज की जीरो टॉलरेंस नीति पर ये भूमाफिया भारी पड़ रहे हैं? आखिर इन पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जा रहा है?


विवादित शोरूम का मामला

दिल्ली रोड़ पर है विवादित शोरूम
नमन और अभिनंदन जैन की दिल्ली रोड़ पर एक विवादित शोरूम भी है। कहा जाता है कि जिस जमीन पर ये शोरूम बना है, वह भी विवादित है। अपनी रसूख का इस्तेमाल कर इन्होंने यहां पर अपना शोरूम स्थापित किया है। इन्होंने सरकार में अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर ये सब काम किया है, जिसके कारण अधिकारी भी इनसे बचते हैं।