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मेघालय जेल में सोनम रघुवंशी और उनके प्रेमी की ज़मानत याचिका खारिज

सोनम रघुवंशी और उनके प्रेमी राज की ज़मानत याचिका मेघालय की अदालत ने खारिज कर दी है। दोनों पर हत्या का आरोप है, जिसमें सोनम ने अपने पति की हत्या की साजिश रची थी। जानें इस मामले की पूरी कहानी और अदालत के फैसले के पीछे की वजह।
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सोनम रघुवंशी और राज की ज़मानत याचिका पर अदालत का फैसला

मेघालय की जेल में लगभग दो महीने से बंद सोनम रघुवंशी और उनके प्रेमी राज की ज़मानत याचिका एक बार फिर असफल रही है। दोनों ने ज़मानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम और हत्या के मामले में आरोपी उनके प्रेमी राज ने ज़िला अदालत में ज़मानत याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया है, जिससे उन्हें अभी जेल में रहना होगा।


राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम से हुई थी, लेकिन शादी के केवल 11 दिन बाद ही सोनम ने राजा को शिलांग ले जाकर हत्या की साजिश रची। वहाँ उसने अपने प्रेमी राज और उसके दोस्तों की मदद से राजा की हत्या की और शव को घाटी में फेंक दिया। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि सोनम और राज ने मिलकर हत्या की योजना बनाई थी।


हालांकि, हत्या के सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार तीन आरोपियों को ज़मानत मिल गई है। शिलांग से लौटने के बाद, उन्होंने सोनम को इंदौर में छिपने में मदद की और सबूत नष्ट करने में भी सहायता की।


हत्या के बाद, सोनम इंदौर लौट आई और देवास नाका स्थित एक फ्लैट में छिप गई। यह फ्लैट दलाल शिलोम जेम्स के माध्यम से खरीदा गया था। पुलिस जांच के अनुसार, सोनम के फरार होने के बाद, दलाल शिलोम, फ्लैट मालिक लोकेंद्र सिंह तोमर और सुरक्षा गार्ड बलवीर ने फ्लैट से बैग, पिस्तौल और जेवरात पलासिया स्थित एक नाले में फेंक दिए थे। अब तीनों को अदालत से ज़मानत मिल गई है।


फिलहाल, शिलांग पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं की है। 15 अगस्त के बाद चार्जशीट दाखिल होने की संभावना है, जिसके बाद अदालत में सुनवाई शुरू होगी। राजा के परिवार का कहना है कि यह हत्या पूर्वनियोजित थी और इसे बड़ी चालाकी से अंजाम दिया गया था, इसलिए आरोपियों को किसी भी हालत में ज़मानत नहीं मिलनी चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।