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मेरठ में अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद: हिंदू समुदाय को प्रॉपर्टी खरीदने से रोका गया

मेरठ में अब्दुल्ला रेजीडेंसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जहां हिंदू समुदाय के लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने से रोका जा रहा है। ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने इस मामले पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी है और उच्च स्तर से जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने का प्रयास सफल नहीं होगा। इस विवाद ने हाल ही में मुंबई में हलाल अपार्टमेंट के विवाद की याद दिला दी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की सच्चाई।
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मेरठ में अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद: हिंदू समुदाय को प्रॉपर्टी खरीदने से रोका गया

अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद

अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद: मुंबई में हलाल अपार्टमेंट के विवाद के बाद अब मेरठ में एक कॉलोनी को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। आरोप है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के निकट बन रही 'अब्दुल्ला रेजीडेंसी' में हिंदू समुदाय के सदस्यों को प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके अलावा, कॉलोनी में मस्जिद के निर्माण और गैंगस्टर शारीक परिवार की जमीन के शामिल होने के दावों ने विवाद को और बढ़ा दिया है.


ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने इस मामले पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले मेरठ को दंगों के लिए बदनाम किया गया था। उन्होंने कहा, '1857 की क्रांति का आरंभ मेरठ से हुआ था, लेकिन पूर्व सरकारों ने कुछ विशेष वर्गों को संरक्षण देकर माहौल को बिगाड़ दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, मेरठ अब NCR का तेजी से विकसित होता जिला बन गया है।' तोमर ने स्पष्ट किया कि मेरठ में विकास किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है.


अब्दुल्ला रेजीडेंसी पर उठते सवाल


ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि अब्दुल्ला रेजीडेंसी में केवल एक विशेष धर्म के लोगों को बसाने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने इसे पूरी तरह से गलत बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि कॉलोनी परिसर में बन रही मस्जिद का नक्शा क्या वैध रूप से पास हुआ है? इसके साथ ही, उन्होंने पूछा कि क्या गैंगस्टर शारीक परिवार की जमीन इसमें शामिल की गई है? तोमर ने कहा कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


उच्च स्तर से जांच के आदेश


मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि आवश्यक हुआ, तो जांच केवल जिला स्तर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उच्च स्तर से भी करवाई जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी, 'धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने या कॉलोनी बसाने का प्रयास किसी भी हाल में सफल नहीं होगा.'


गौरतलब है कि हाल ही में मुंबई में 'हलाल अपार्टमेंट' नामक टाउनशिप प्रोजेक्ट को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। प्रोजेक्ट के विज्ञापन में कहा गया था कि इसमें हिंदुओं की एंट्री नहीं होगी और अपार्टमेंट केवल मुस्लिम समुदाय के लिए होंगे। जब विवाद बढ़ा, तो बिल्डर कंपनी को विज्ञापन वापस लेना पड़ा.