मेरठ में भैंसाली बस अड्डे का स्थानांतरण, जाम की समस्या से मिलेगी राहत

भैंसाली बस अड्डे का स्थानांतरण
UP News: मेरठ शहर में जाम की समस्या को हल करने के लिए भैंसाली बस अड्डे को शहर के बाहर स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके लिए भूडबराल और मोदीपुरम क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित परिवारों को उचित आर्थिक सहायता दी जाएगी और भूमि अधिग्रहण से संबंधित धारा 19 की घोषणा जल्द की जाएगी। इस परियोजना के तहत एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) नई बस अड्डों का निर्माण करेगा। इससे शहर के भीतरी इलाकों में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में
भैंसाली बस अड्डा जल्द ही शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। इससे रोजाना 400 से अधिक बसों का शहर में प्रवेश बंद हो जाएगा, जिससे शहरवासियों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भूडबराल और मोदीपुरम में अंतिम चरण में है। मंडलायुक्त से पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की अनुमति मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की अंतिम घोषणा की तैयारी की जा रही है।
ट्रैफिक दबाव में कमी
ट्रैफिक दबाव कम होगा
इस परियोजना के पूरा होने पर मेरठ में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रियों को नए बस अड्डों पर बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। धारा 19 की घोषणा कभी भी की जा सकती है। इस घोषणा के 30 दिन बाद किसानों के खातों में मुआवजे की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी, जिसके बाद एनसीआरटीसी को अधिग्रहित भूमि पर कब्जा दिया जाएगा।
बसों का संचालन
चार सौ से ज्यादा बसों का संचालन
मेरठ में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए भैंसाली बस अड्डे को स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है। यह बस अड्डा वर्तमान में शहर के ट्रैफिक दबाव का एक बड़ा कारण है। यहां से रोजाना 400 से अधिक बसें विभिन्न राज्यों और जनपदों से आती हैं, जिससे शहर के मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। नए स्थान पर बस अड्डे के निर्माण से शहरवासियों को राहत मिलेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी।
आधुनिक सुविधाएं
यात्रियों को आधुनिक और सुलभ सुविधाएं
जिला प्रशासन भैंसाली बस अड्डे को दो हिस्सों में बांटकर भूडबराल और मोदीपुरम में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। इस प्रक्रिया में एनसीआरटीसी की सहायता ली जा रही है। भूमि अधिग्रहण का खर्च एनसीआरटीसी उठाएगा और वही नए बस अड्डों का निर्माण करेगा। कुल चार गांवों की 39,930 वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण इस परियोजना के लिए किया जा रहा है। भूडबराल में 28,082 वर्ग मीटर भूमि पर एक बड़ा बस अड्डा और मोदीपुरम में 11,848 वर्ग मीटर भूमि पर दूसरा बस अड्डा विकसित किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इन दोनों बस अड्डों के निर्माण से शहर को जाम से राहत मिलेगी और यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
मुआवजा राशि
भूमि मालिकों को मुआवजा राशि
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। प्रभावित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक सहायता देने की अनुमति मंडलायुक्त से मिल चुकी है। भूडबराल में 31 और मोदीपुरम में 48 परिवार इस अधिग्रहण से प्रभावित हो रहे हैं। प्रत्येक परिवार को 5.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इस अनुमति के बाद जिला प्रशासन अब अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया के अंतर्गत धारा 19 की घोषणा करने की तैयारी में है, जो कभी भी जारी की जा सकती है। घोषणा के 30 दिन बाद सभी भूमि मालिकों को मुआवजा राशि उनके खातों में भेज दी जाएगी। इसके बाद जमीन एनसीआरटीसी को सौंपी जाएगी और दोनों बस अड्डों का निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू होगा। प्रशासन का लक्ष्य है कि निर्माण पूरा होते ही जनता को इन बस अड्डों की नई सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा सके।