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मेलबर्न में खालिस्तानी समर्थकों का हंगामा, भारतीय समुदाय ने दी मुंहतोड़ जवाब

मेलबर्न में भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने हंगामा खड़ा किया, जिससे भारतीय समुदाय ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस घटना में पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और भारतीय समुदाय ने एकता का प्रदर्शन किया। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और भारतीय समुदाय की प्रतिक्रिया।
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मेलबर्न में खालिस्तानी समर्थकों का हंगामा, भारतीय समुदाय ने दी मुंहतोड़ जवाब

खालिस्तान विवाद: स्वतंत्रता दिवस पर हंगामा

खालिस्तान विवाद: ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने हंगामा खड़ा कर दिया। यह कार्यक्रम भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर आयोजित किया गया था, जहां बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक तिरंगा फहराने और स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए थे। रिपोर्टों के अनुसार, जैसे ही समारोह की शुरुआत हुई, कुछ खालिस्तानी समर्थक झंडे लेकर आए और नारेबाजी करने लगे, जिससे माहौल बिगड़ने लगा।


सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि भारतीय समुदाय और खालिस्तानी समर्थकों के बीच तीखी बहस हुई। खालिस्तानी समर्थकों ने 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए, जबकि भारतीय समुदाय ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के साथ देशभक्ति गीत गाकर माहौल को उत्साहित किया।




पुलिस ने स्थिति को संभाला

ऑस्ट्रेलियाई पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने दोनों पक्षों को अलग किया और किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने में सफल रहे। इसके बाद तिरंगा शान से वाणिज्य दूतावास पर फहराया गया, जहां उपस्थित लोगों ने जोरदार नारेबाजी के साथ कार्यक्रम को संपन्न किया।


खालिस्तानी समर्थकों का निशाना

यह घटना तब हुई जब कुछ सप्ताह पहले ऑस्ट्रेलिया के बोरोनिया स्थित स्वामीनारायण मंदिर को खालिस्तानी समर्थकों ने निशाना बनाया था। मंदिर की दीवारों पर अपमानजनक नारे और संदेश लिखे गए थे। इसके अलावा, पास के कुछ एशियाई रेस्तरां को भी इसी तरह की भाषा और हिटलर की तस्वीरों से खराब किया गया था।


घटना की निंदा

भारतीय समुदाय ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और ऑस्ट्रेलियाई सरकार से अनुरोध किया है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। वाणिज्य दूतावास ने स्पष्ट किया कि भारतीय समुदाय के बीच एकता और देशभक्ति की भावना को कोई भी ताकत तोड़ नहीं सकती।