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मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के छात्रों ने पशुपालन का अनुभव किया

मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के छात्रों ने हाल ही में ढाठरथ गांव में एक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया। इस यात्रा में 350 छात्रों ने भाग लिया, जहां उन्होंने विभिन्न पशुओं के आवास और जीवन चक्र का अवलोकन किया। छात्रों ने खरगोश और चूहों जैसी छोटी प्रजातियों का अध्ययन किया और पशुपालन की अवधारणा को समझा। यह अनुभव न केवल ज्ञानवर्धक था, बल्कि छात्रों को वास्तविक जीवन से जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर था। जानें इस यात्रा के बारे में और कैसे यह छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव बना।
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मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के छात्रों ने पशुपालन का अनुभव किया

प्रकृति और जीव-जंतुओं से जुड़ने का महत्व


  • बच्चों को प्रकृति और जीव-जंतुओं से जोड़ना अत्यंत आवश्यक


जींद। मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल में छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसी दिशा में, विद्यालय ने ढाठरथ गांव में एक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया। इस यात्रा में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के साथ-साथ 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थी भी शामिल हुए। कुल 350 छात्रों ने इस भ्रमण में भाग लिया, जिसमें विद्यालय प्रशासन ने उनकी सुरक्षा और आवश्यक सामग्री का ध्यान रखा।


छोटे जीवों का अध्ययन

भ्रमण के दौरान, छात्रों ने विभिन्न पशुओं के आवास का अवलोकन किया। उन्होंने देखा कि विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतु अपने पर्यावरण में कैसे रहते हैं और उनका जीवन चक्र कैसा होता है। विशेष रूप से, छात्रों ने खरगोश और चूहों जैसी छोटी प्रजातियों का अध्ययन किया। उन्होंने जाना कि खरगोश घास और पत्तियों का सेवन करते हैं, जबकि चूहे समाज में विभिन्न तरीकों से जुड़ाव रखते हैं।


प्राचार्य रविंद्र कुमार ने बताया कि इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को पशुपालन की अवधारणा को समझाना था। उन्हें बताया गया कि पशुपालन केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार नहीं है, बल्कि यह रोजगार और पोषण का भी महत्वपूर्ण साधन है। बच्चों ने देखा कि कैसे खरगोश, चूहे, गाय, भैंस, और बकरी की देखभाल की जाती है और उनसे अन्य उत्पाद कैसे प्राप्त होते हैं।


वास्तविक जीवन से जुड़ाव

भ्रमण के दौरान बच्चों में उत्साह देखा गया। छोटे छात्र जिज्ञासा से प्रश्न पूछते रहे, जबकि बड़े छात्र अपने विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन के पाठ्यक्रम को प्रत्यक्ष अनुभव कर पाए। यह शैक्षिक यात्रा कक्षा से बाहर निकलकर वास्तविक जीवन से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर साबित हुई।


विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष संदीप दहिया ने कहा कि विद्यालय का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को वास्तविक जीवन के अनुभवों से जोड़ना है। इस प्रकार के भ्रमण बच्चों को प्रकृति और जीव-जंतुओं से जोड़ने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


ज्ञान और व्यवहारिक शिक्षा का माध्यम

इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करती हैं। विद्यालय समय-समय पर इस तरह के भ्रमण आयोजित करता है ताकि विद्यार्थी नई चीजें सीखते हुए प्रगति कर सकें। इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य केवल घूमना नहीं था, बल्कि छात्रों को ज्ञान, अनुभव और व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करना था। इससे बच्चों को यह समझने का अवसर मिला कि जीव-जंतु हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनका संरक्षण करना हर नागरिक का कर्तव्य है।


चेयरपर्सन राजेश कुमार ने इस आयोजन में विशेष योगदान दिया। उन्होंने छात्रों के लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था की और स्वयं भी छात्रों के साथ जुड़कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके मार्गदर्शन में यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया।