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मोदी और ट्रंप के बीच टेलीफोन वार्ता: सुरक्षा और आतंकवाद पर महत्वपूर्ण चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई टेलीफोन वार्ता ने वैश्विक सुरक्षा और दक्षिण एशिया की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस बातचीत में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले और भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की गई। मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा की इच्छा जताई, लेकिन मोदी ने मध्यस्थता को अस्वीकार कर दिया। जानें इस वार्ता के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु।
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प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बुधवार को 35 मिनट की टेलीफोन वार्ता ने वैश्विक सुरक्षा और दक्षिण एशिया की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब ट्रंप की पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख से बैठक निर्धारित थी, जिससे इस चर्चा के रणनीतिक महत्व में और वृद्धि हुई।


1. ऑपरेशन सिंदूर पर जानकारी: मोदी ने बातचीत की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी देकर की। उन्होंने कहा, "भारत आतंकवाद के हर रूप के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह अब केवल नीति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मूल मंत्र बन चुका है।"


2. स्पष्ट संदेश: प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब आतंकवाद को ‘छद्म युद्ध’ नहीं बल्कि सीधा युद्ध मानता है। उन्होंने स्पष्ट किया, "अगर कोई गोली चलाएगा, तो जवाब भी गोली से मिलेगा — और ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है।"


3. मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं: ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संबंधों और व्यापार समझौते पर चर्चा करने की इच्छा जताई, लेकिन मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि "भारत कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।" यह बयान पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ते कूटनीतिक संवाद पर भारत की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।


4. सैन्य संपर्क बनाए रखने की पुष्टि: मोदी ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से सैन्य तनाव को कम करने की कोशिशें हुई हैं। उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच मौजूदा संवाद चैनलों के माध्यम से बातचीत की गई, लेकिन यह आतंकवाद पर हमारी नीति को कमजोर नहीं करेगा।"


5. ट्रंप का दौरा प्रस्ताव: चर्चा के अंत में ट्रंप ने प्रस्ताव रखा कि यदि प्रधानमंत्री कनाडा से लौटते समय अमेरिका में कुछ समय के लिए रुक सकें, तो एक अनौपचारिक मुलाकात की जा सकती है। हालांकि, मोदी ने अपनी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को विनम्रता से अस्वीकार कर दिया।