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मोदी को ट्रंप के दावों का खंडन करना चाहिए: आधिकारिक विवरण की आवश्यकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के हालिया दावों का खंडन करना चाहिए। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने में मध्यस्थता की, जबकि मोदी ने इसे खारिज किया है। इस मामले में भारत सरकार को एक आधिकारिक बयान जारी करने की आवश्यकता है, जिसमें फोन वार्ता का पूरा विवरण हो। जानें इस महत्वपूर्ण बातचीत के पीछे की सच्चाई और इसके प्रभाव।
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मोदी को ट्रंप के दावों का खंडन करना चाहिए: आधिकारिक विवरण की आवश्यकता

ट्रंप के दावों पर मोदी की प्रतिक्रिया

यदि ट्रंप गलत जानकारी दे रहे हैं, तो मोदी को तुरंत उनके दावों का खंडन करना चाहिए। इसके साथ ही भारत सरकार को इस मामले में एक आधिकारिक बयान जारी करना चाहिए, जिसमें मोदी-ट्रंप की फोन वार्ता में हुई बातचीत का विवरण हो।


जी-7 सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कनानास्किस पहुंचने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका लौट गए। इस कारण उनकी निर्धारित मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद मोदी ने ट्रंप से फोन पर बातचीत की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बातचीत का एक वीडियो जारी किया, जिसमें बताया गया कि मोदी ने ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनकी मध्यस्थता के कारण भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को रोका। मोदी ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वान्स ने उन्हें फोन किया था, लेकिन सीज़फायर का निर्णय भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच बातचीत से हुआ।


अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान व्यापार का कोई उल्लेख नहीं किया गया। मोदी ने यह खंडन सवा महीने बाद किया, जबकि ट्रंप ने लगभग 15 बार मध्यस्थता और व्यापार के लालच का जिक्र किया था। जब मिसरी का वीडियो आया, तो यह समझा गया कि मोदी ट्रंप के दावों का खंडन करने का सही समय तलाश रहे थे। उन्होंने सीधे ट्रंप के सामने यह बात रखने का निर्णय लिया। लेकिन यह समझ अभी पूरी तरह से स्थापित नहीं हुई थी कि ट्रंप फिर से पुराने दावों को दोहराने लगे।


पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर के व्हाइट हाउस पहुंचने से पहले, ट्रंप ने पत्रकारों के सामने कहा कि ‘दो परमाणु शक्तियों के बीच उन्होंने लड़ाई रुकवाई, जिसमें पाकिस्तान की तरफ से मुनीर और भारत की तरफ से मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’ अब इस पर क्या विचार किया जाए?


यदि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं, तो मोदी को तुरंत उनके दावों का सार्वजनिक खंडन करना चाहिए। इसके साथ ही भारत सरकार को इस संबंध में एक शब्द-दर-शब्द आधिकारिक विवरण जारी करना चाहिए कि मोदी और ट्रंप के बीच फोन वार्ता में क्या कहा गया। अन्यथा, बुधवार को आए बयानों से इस मामले में और भ्रम उत्पन्न हो गया है। चूंकि यह मामला कश्मीर और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित है, इसलिए किसी भी प्रकार के भ्रम की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।