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मोरनी में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन और तबाही

मोरनी क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश ने भूस्खलन और व्यापक तबाही का कारण बना। कई परिवार बेघर हो गए हैं, और गांवों में बिजली और जल संकट उत्पन्न हो गया है। स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई जा रही है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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मोरनी में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन और तबाही

मोरनी में बारिश का कहर

मोरनी भूस्खलन (Morni Landslide): रविवार की रात हुई भारी बारिश ने मोरनी क्षेत्र के भोज नग्गल गांव की धारला पंचायत में व्यापक नुकसान पहुंचाया। किसान फतेह सिंह का घर पूरी तरह से नष्ट हो गया, जिससे उनका परिवार बेघर हो गया है। लगातार बारिश के कारण गांव की गलियां भी टूट गई हैं और संपर्क मार्ग बाधित हो गया है।


भूस्खलन से गांव में खतरा

भूस्खलन का प्रभाव

गांव के सरपंच मनोज कुमार और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के कारण पहाड़ों में भूस्खलन हो रहा है, जिससे कई मकानों में दरारें आ गई हैं। फतेह सिंह के मकान के साथ-साथ सामने का डंगा भी पूरी तरह से ढह गया है। गांव की जमीन खिसकने से पूरे क्षेत्र में खतरा उत्पन्न हो गया है, जिससे लोग भयभीत हैं।


पीड़ित परिवार की स्थिति

पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन की सारी बचत मकान बनाने में लगा दी थी, लेकिन अब सब कुछ बर्बाद हो गया है। इस गरीब परिवार के लिए नया मकान बनाना अत्यंत कठिन है। जिला परिषद के प्रतिनिधि रोमा राणा और पूर्व सरपंच सुरेश राणा ने जिला उपायुक्त से अनुरोध किया है कि पीड़ित परिवार को तुरंत मुआवजा दिया जाए या रहने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि गांव में दरारों और भूस्खलन के कारण पूरा क्षेत्र खतरे में है, इसलिए प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।


बिजली और जल संकट

बारिश से प्रभावित गांव

मूसलाधार बारिश और घग्गर नदी में बाढ़ ने मोरनी खंड की कई पंचायतों में नुकसान पहुंचाया है। तेज बहाव के कारण छामला में वॉटर सप्लाई के बिजली के खंभे गिर गए हैं, जिससे थापली पंचायत के बालू, जौनपुर और बरुण गांवों में स्थिति बिगड़ गई है। बिजली के खंभे गिरने से पूरे क्षेत्र की बिजली गुल हो गई है, जिससे जलघर मोरनी और थापली की पेयजल सप्लाई पर भी असर पड़ा है। ग्रामीणों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।


ग्रामीणों की समस्याएं

समाजसेवी दीपक शर्मा और थापली पंचायत के सरपंच सुनील कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए जल्द बिजली के खंभे स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि लोग राहत महसूस कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के दौरान बस शेल्टर और सार्वजनिक शौचालय भी मलबे में दब गए हैं। स्थानीय निवासी चैत राम, हरि सिंह, दयाल, तरसेम, गीता, जयचंद और लता ने कहा कि थापली गांव के सभी रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे लोग घरों में कैद हो गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल मदद की अपील की है।


खेडा सीताराम में स्थिति

खेडा सीताराम में रास्ता धंसने की समस्या

खेड़ा सीताराम (नाला पार) में स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहाड़ों में भूस्खलन के कारण लोग दहशत में हैं। वार्ड के अंदर नाले पर बना कच्चा रास्ता पिछले दो दिनों की बारिश से धंस गया है, जिससे एक मकान के गिरने का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय निवासी राजेश और धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि रविवार रात करीब 5:30 बजे अचानक तेज आवाज सुनाई दी।


स्थानीय निवासियों की अपील

बाहर निकलने पर पता चला कि घरों के आगे का कच्चा रास्ता 7 से 8 फीट नीचे धंस चुका था। इससे उनके घर गिरने का खतरा भी बढ़ गया है। इसके अलावा, घर के पास बनी दीवार भी गिर गई। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तुरंत पक्का रास्ता और सुरक्षा इंतजाम करने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि यह कच्चा रास्ता करीब 10 से 15 घरों को जोड़ता है। रास्ता धंसने से बच्चों को स्कूल जाने में भी कठिनाई हो रही है।