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मोहन भागवत ने पाकिस्तान को भारत का हिस्सा बताया, भाषा विवाद पर भी की चर्चा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के दौरे के दौरान पाकिस्तान को भारत का हिस्सा बताते हुए उस पर फिर से अधिकार की बात की। उन्होंने भाषा विवाद पर भी अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने कहा कि सभी भाषाएं भारत की राष्ट्र भाषाएं हैं। भागवत ने सिंधी भाषा के संरक्षण पर भी जोर दिया, यह कहते हुए कि हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा को अच्छे से बोलना आना चाहिए। उनकी यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जो देश की एकता और विविधता को दर्शाते हैं।
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मोहन भागवत ने पाकिस्तान को भारत का हिस्सा बताया, भाषा विवाद पर भी की चर्चा

मोहन भागवत का मध्य प्रदेश दौरा

भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के दो दिवसीय दौरे के दौरान पाकिस्तान को भारत का हिस्सा मानते हुए कहा कि हमें उस पर फिर से अधिकार प्राप्त करना है। उन्होंने रविवार को सतना में कहा, 'पाकिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा है। यह एक ही घर है, और बंटवारा ऐसा था जैसे किसी ने हमारे घर का एक कमरा हटा दिया हो। हमें कल फिर से उस पर कब्जा करना है।'


भाषा विवाद पर मोहन भागवत की राय

भागवत ने देश में चल रहे भाषा विवाद पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, 'भाषाएं अनेक हैं, लेकिन भाव एक ही होता है। मूल भाषा से कई भाषाएं निकली हैं। सभी भाषाएं भारत की राष्ट्र भाषाएं हैं। हर नागरिक को कम से कम तीन भाषाएं आनी चाहिए - घर, राज्य और राष्ट्र की भाषा।' यह ध्यान देने योग्य है कि भागवत सतना में दो दिन के लिए आए हैं।


सिंधी भाषा के संरक्षण पर जोर

अपने दौरे के दूसरे दिन, उन्होंने बाबा मेहर शाह दरबार की नई इमारत का उद्घाटन किया। संघ प्रमुख ने सिंधी भाषा के संरक्षण पर भी जोर दिया, कहा, 'आपको परंपरा से सिंधी भाषा मिली है। इसे हर सिंधी के घर में बोला जाना चाहिए। भारत के हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा को अच्छे से बोलना और समझना आना चाहिए। भारत की सभी भाषाएं राष्ट्र भाषाएं हैं और भाषाई विविधता हमारी एकता का प्रतीक है।'