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मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर जताई चिंता

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और मौजूदा हालात उनके लिए चुनौतीपूर्ण हैं। भागवत ने स्थानीय हिंदुओं के संगठित रहने और विश्वभर के हिंदुओं से समर्थन की अपील की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति, सामाजिक एकता और कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जानें उनके विचार और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
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मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर जताई चिंता

संघ प्रमुख की चिंता

भारतीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और वर्तमान परिस्थितियाँ उनके लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं। ऐसे समय में, स्थानीय हिंदुओं का संगठित रहना आवश्यक है और विश्वभर के हिंदुओं को मानवीय और नैतिक समर्थन के लिए आगे आना चाहिए।


समाज की एकता की आवश्यकता

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने इस मुद्दे को क्षेत्रीय स्थिरता और अल्पसंख्यक सुरक्षा से जोड़ा। उनका मानना है कि सामाजिक एकजुटता और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से समाधान संभव है।


बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति

बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या लगभग आठ प्रतिशत है। समय-समय पर वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और संपत्ति के नुकसान की घटनाएं होती रही हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों के अनुसार, सामाजिक तनाव और राजनीतिक अस्थिरता के कारण अल्पसंख्यक समुदाय अधिक असुरक्षित महसूस करता है।


मोहन भागवत का दृष्टिकोण

मोहन भागवत ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां हिंदू अपनी पहचान के साथ सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने भारत सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया और कहा कि सरकार पहले से कुछ कदम उठा रही होगी।


पश्चिम बंगाल की स्थिति

मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की सामाजिक स्थिति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यदि हिंदू समाज संगठित हो जाए, तो हालात में सुधार जल्दी हो सकता है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का कार्य समाज को मजबूत बनाना है, न कि सत्ता परिवर्तन करना।


बाबरी मस्जिद विवाद पर विचार

संघ प्रमुख ने बाबरी मस्जिद विवाद पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पुराने विवादों को फिर से उठाना समाज के हित में नहीं है। उनके अनुसार, धार्मिक स्थलों का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करना किसी भी समुदाय के लिए फायदेमंद नहीं होता।


सरकारी धन का उपयोग

मोहन भागवत ने कहा कि सरकार को धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने सोमनाथ और राम मंदिर के उदाहरण देकर बताया कि इन मामलों में सरकार ने केवल प्रशासनिक भूमिका निभाई थी।


महत्वपूर्ण मुद्दा

बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति केवल एक देश का आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और मानवाधिकारों से जुड़ा विषय है। भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, और वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित करती है।