यमन में भारतीय नर्स की फांसी की तारीख तय, भारत सरकार के प्रयास जारी

निमिशा प्रिया को फांसी की सजा
भारतीय नर्स निमिशा प्रिया को यमन में 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जाने की सूचना मिली है। यह जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम बस्करन ने साझा की। उन्होंने बताया कि यमन के अभियोजक ने जेल अधिकारियों को एक आधिकारिक पत्र भेजा है, जिसमें फांसी की तारीख का उल्लेख है। हालांकि, बातचीत के विकल्प अभी भी खुले हैं, और भारत सरकार उसकी जान बचाने के लिए प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री की वार्ता की पहल
मुख्यमंत्री ने की वार्ता फिर से शुरू करने की पहल
बस्करन ने बताया कि वह यमन की यात्रा पर जाने वाले हैं ताकि तलाल के परिवार और यमन सरकार के साथ बातचीत को फिर से शुरू किया जा सके। पहले की वार्ता में तलाल के परिवार को एक प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हौथी मिलिशिया का हस्तक्षेप
हौथी मिलिशिया का कथित हस्तक्षेप
रिपोर्टों के अनुसार, यमन दूतावास ने बताया था कि यह मामला हौथी मिलिशिया के राजनीतिक और सैन्य दबाव के कारण और जटिल हो गया है। सना जेल, जहाँ प्रिया कैद हैं, हौथी मिलिशिया के नियंत्रण में है, जो यमन की राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है।
भारत सरकार के संभावित कदम
क्या कर सकती है भारत सरकार?
बस्करन ने बताया कि भारत सरकार के पास कई विकल्प हैं:
राजनयिक वार्ता – यमन के उच्च अधिकारियों से संपर्क करना, विशेषकर राष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय के साथ।
मध्यस्थता – सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से स्थानीय स्तर पर वार्ता आयोजित करना।
अंतर्राष्ट्रीय दबाव – संयुक्त राष्ट्र या मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना।
अंतरिम राहत – फांसी पर रोक लगाने का प्रयास करना।
16 जुलाई की तारीख से पहले निमिशा प्रिया और भारत सरकार के बीच बातचीत अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्रालय और विदेश मामलों के उच्च अधिकारी फांसी रोकने के अंतिम प्रयास में जुटे हैं। यमन सरकार और हौथी मिलिशिया के बीच तनावपूर्ण स्थिति अदालत के निर्णय को चुनौतीपूर्ण बना रही है।