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यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा पर अंतिम प्रयास जारी

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी की सजा सुनाई गई है। उनके मामले में सैमुअल जैरोम, जो एक भारतीय नागरिक हैं, अंतिम प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने मृतक के परिवार से ब्लड मनी के लिए बातचीत की है, लेकिन अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है। भारत सरकार भी इस मामले में यमन सरकार से संपर्क में है। जानें निमिषा की कहानी और उनके परिवार की स्थिति के बारे में।
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यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा पर अंतिम प्रयास जारी

निमिषा प्रिया को फांसी की सजा

यमन में नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाने वाली है। इस स्थिति से बचने के लिए सैमुअल जैरोम, जो कि एक भारतीय नागरिक हैं और पिछले 20 वर्षों से यमन में निवास कर रहे हैं, अपना अंतिम प्रयास कर रहे हैं। सैमुअल निमिषा के मामले को देख रहे हैं और मृतक तलाल अब्दो मेहदी के परिवार से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने मृतक के परिजनों से ब्लड मनी के बारे में भी चर्चा की है, लेकिन इस पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है।


हत्या के आरोप में गिरफ्तारी

जेरोम, जो एक विमानन सलाहकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, निमिषा और उसके परिवार के साथ खड़े हैं। वह पावर ऑफ अटार्नी के तहत निमिषा को रिहा कराने का प्रयास कर रहे हैं। 37 वर्षीय निमिषा को 2017 में अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में हैं और 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखा।


परिवार से बातचीत का प्रयास

सैमुअल जैरोम का कहना है कि वह मृतक के परिवार से बातचीत कर रहे हैं। उन्हें ब्लड मनी के रूप में 10 लाख डॉलर (लगभग 8.5 करोड़ रुपये) देने की पेशकश की गई है। इसके अलावा, कुछ अन्य आश्वासन भी दिए गए हैं। हालांकि, अभी तक मृतक के परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


भारत सरकार की सहायता

भारत सरकार भी निमिषा प्रिया के मामले में यमन सरकार से बातचीत कर रही है। सरकार हर संभव मदद का प्रयास कर रही है, लेकिन अभी तक निमिषा को राहत नहीं मिल पाई है। सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार यमन में स्थानीय अधिकारियों और निमिषा के परिवार के संपर्क में है।


निमिषा प्रिया का परिचय

निमिषा प्रिया मूल रूप से केरल राज्य के कोच्चि जिले की निवासी हैं। उनकी मां प्रेमा कुमार कोच्चि में मेड का काम करती थीं। निमिषा 19 वर्ष की उम्र में 2008 में यमन चली गईं। तीन साल बाद, उन्होंने ऑटो चालक टॉमी थॉमस से शादी की, जो बाद में उनके साथ यमन चले गए। इस दौरान, निमिषा एक बेटी की मां बनीं, जो अब 13 वर्ष की हो चुकी है।