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यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द

यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा पाए भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के लिए राहत की खबर आई है। ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने उनकी सजा को रद्द करने की पुष्टि की है, हालांकि आधिकारिक लिखित पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है। निमिषा का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा है, और उनके परिवार के लिए यह एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की स्थिति के बारे में।
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यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द

निमिषा प्रिया को मिली राहत

नई दिल्ली: यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा पाने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के लिए एक सकारात्मक खबर आई है। भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए बताया कि निमिषा की मौत की सजा अब पूरी तरह से रद्द कर दी गई है।


सरकारी पुष्टि का इंतजार

हालांकि, बयान में यह भी कहा गया है कि यमन सरकार से अभी तक आधिकारिक लिखित पुष्टि प्राप्त नहीं हुई है। यह निर्णय यमन की राजधानी सना में एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने यह जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस मामले में सावधानी बरतते हुए कहा है कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से कुछ गलत जानकारियां साझा की जा रही हैं, जिनकी पुष्टि नहीं हुई है।


निमिषा प्रिया का मामला

34 वर्षीय निमिषा प्रिया, जो केरल के पलक्कड़ की निवासी हैं, वर्ष 2008 में नौकरी के लिए यमन गई थीं। वहां उन्होंने स्थानीय नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक खोला। लेकिन बाद में उनके रिश्ते में खटास आ गई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, महदी ने उनका उत्पीड़न करना शुरू कर दिया और खुद को उनका पति बताने लगा। उसने निमिषा का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया, जिससे वह भारत नहीं लौट सकीं।


घटना का विवरण

2017 में, निमिषा ने कथित तौर पर अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को बेहोश करने का प्रयास किया, लेकिन ओवरडोज़ के कारण उसकी मौत हो गई। इसके बाद यमनी प्रशासन ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया। 2018 में उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया और 2020 में मौत की सजा सुनाई गई।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया, और मानवाधिकार संगठनों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निमिषा की रिहाई के लिए अभियान चलाया। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब दिसंबर 2024 में यमन के राष्ट्रपति रशाद अल-आलीमी और जनवरी 2025 में हूती विद्रोही नेता महदी अल-मशात ने फांसी की मंजूरी दे दी।


कूटनीतिक प्रयास

इसके बाद भारत में कूटनीतिक और धार्मिक स्तर पर सक्रिय प्रयास किए गए। अब ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने सूचित किया है कि यमन की उच्च स्तरीय बैठक में निमिषा प्रिया की मौत की सजा को पूरी तरह रद्द कर दिया गया है। वर्तमान में भारत सरकार और विदेश मंत्रालय यमन की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं। यदि यह खबर औपचारिक रूप से पुष्टि हो जाती है, तो यह निमिषा प्रिया और उनके परिवार के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।