यमन में संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी की रिहाई, हूतियों से बिना शर्त रिहाई की मांग

संयुक्त राष्ट्र की निंदा और रिहाई का आग्रह
संयुक्त राष्ट्र: यमन में हूतियों द्वारा मानवीय कार्यों में लगे अपने कर्मचारियों की मनमानी हिरासत की संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की है। इसके साथ ही, उन्होंने इन कर्मचारियों को बिना शर्त रिहा करने की अपील की है। इस सप्ताह की शुरुआत में, यमन में हिरासत में लिए गए एक संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी को रिहा किया गया है।
यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने साझा की। उन्होंने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मंगलवार को हिरासत में लिए गए एक और व्यक्ति को रिहा किया गया है।
यमन में अब तक कुल 53 संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी हिरासत में लिए जा चुके हैं। दुजारिक ने बताया कि हूतियों ने 2021 से कई कर्मचारियों को हिरासत में रखा है।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्टीफन दुजारिक ने हूती समूह से यमन में सबसे कमजोर लोगों की सहायता कर रहे सभी संयुक्त राष्ट्र और मानवीय कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने का आग्रह किया है।
इससे पहले, मंगलवार को महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने सहयोगियों की निरंतर हिरासत और हूतियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र परिसरों की अवैध जब्ती की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने हाल ही में नौ अतिरिक्त कर्मियों की हिरासत के बाद अपनी चिंता व्यक्त की।
प्रवक्ता दुजारिक ने कहा कि ये कार्रवाइयां संयुक्त राष्ट्र की यमन में कार्य करने की क्षमता को बाधित करती हैं। महासचिव यमन में अपने कर्मियों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर चुके हैं।
बयान में कहा गया है कि गुटेरेस ने सभी कर्मियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग को दोहराया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार इनका सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने यह भी कहा कि उनके कर्मियों को बिना किसी रुकावट के स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के परिसर और संपत्तियां अनुल्लंघनीय हैं और इनकी सुरक्षा हमेशा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बयान में कहा गया है, "संयुक्त राष्ट्र मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी कर्मियों की सुरक्षित और तात्कालिक रिहाई के लिए प्रयासरत रहेगा और सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा।"
संयुक्त राष्ट्र महासचिव यमन के लोगों और उनकी आकांक्षाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुके हैं।