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यमुना किनारे विकसित होगा नया हेरिटेज सिटी, जानें क्या हैं बदलाव

ग्रेटर नोएडा में यमुना नदी के किनारे विकसित होने वाली हेरिटेज सिटी परियोजना ने नया मोड़ लिया है। यह शहर अब बाढ़ से सुरक्षा के लिए यमुना तटबंध के एक ओर बनाया जाएगा। 750 एकड़ में फैले इस शहर में ऐतिहासिक स्थापत्य कला और सांस्कृतिक केंद्र विकसित होंगे। हालांकि, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हो रही है। जानें इस परियोजना के महत्व और स्थानीय लोगों के लिए इसके लाभ के बारे में।
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यमुना किनारे विकसित होगा नया हेरिटेज सिटी, जानें क्या हैं बदलाव

यमुना नदी के किनारे नया हेरिटेज सिटी

Greater Noida News: यमुना नदी के किनारे पहले खेतों की हरियाली और गांवों की सादगी थी, लेकिन अब वहां आधुनिकता और सांस्कृतिक धरोहर का संगम देखने को मिलेगा। यमुना प्राधिकरण (यीडा) द्वारा प्रस्तावित हेरिटेज सिटी परियोजना ने एक नया मोड़ लिया है। संशोधित योजना के अनुसार, यह ऐतिहासिक शहर अब यमुना तटबंध के एक ओर विकसित किया जाएगा, ताकि बाढ़ के खतरे से बचा जा सके।


बाढ़ से सुरक्षा और विकास की नई दिशा

बाढ़ से सुरक्षा, विकास की गारंटी
पहले की योजना के अनुसार, यह शहर 6 गांवों की भूमि पर बसाया जाना था, लेकिन अब इसमें 3 और गांवों को आंशिक रूप से शामिल किया जा रहा है। हेरिटेज सिटी को यमुना एक्सप्रेसवे के 101 किलोमीटर प्वाइंट से लेकर एनएच-44 तक बनने वाली 15.3 किलोमीटर लंबी सड़क के दोनों ओर विकसित किया जाएगा। यह सड़क एनएचएआई द्वारा प्रस्तावित है और इसे इस परियोजना की रीढ़ माना जा रहा है।


750 एकड़ में फैलेगा नया शहर

750 एकड़ में बसेगा शहर
लगभग 750 एकड़ में फैले इस शहर में ऐतिहासिक स्थापत्य कला, पारंपरिक बाजार, सांस्कृतिक केंद्र, और शिल्प ग्राम जैसी संरचनाएं विकसित की जाएंगी। यह न केवल एक पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति का केंद्र भी बनेगा।


जमीन अधिग्रहण में देरी

जमीन अधिग्रहण पर असमंजस
हेरिटेज सिटी का कार्यान्वयन वर्तमान में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के कारण रुका हुआ है। 5 गांवों में रिकॉर्ड सर्वे की प्रक्रिया चल रही है। जब तक यह पूरी नहीं होती, तब तक भूमि का अधिग्रहण शुरू नहीं हो सकेगा।


हेरिटेज सिटी का महत्व

क्यों खास है हेरिटेज सिटी?
हेरिटेज सिटी केवल एक आवासीय या व्यावसायिक योजना नहीं है। यह एक सांस्कृतिक संवर्धन परियोजना है। यहां भारत की प्राचीन स्थापत्य परंपराएं, कला और कारीगरी को नया मंच मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार, कारोबार और पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा।


यीडा के ओएसडी का बयान

क्या बोले ओएसडी?
यीडा के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि भूमि की मुआवजा दरों को लेकर अंतिम निर्णय यीडा की आगामी बोर्ड बैठक में लिया जाएगा।