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यमुना की सफाई पर सियासत: अखिलेश यादव ने उठाई चिंता

दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर सियासत गरमाई हुई है। छठ महापर्व के मद्देनजर, अखिलेश यादव ने यमुना में रासायनिक पदार्थों के उपयोग पर चिंता जताई है। उन्होंने इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है, जिससे न केवल यमुना बल्कि गंगा भी प्रभावित हो रही है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
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यमुना की सफाई पर सियासत: अखिलेश यादव ने उठाई चिंता

यमुना की सफाई और छठ महापर्व


यमुना की सफाई पर सियासी बयानबाजी: देशभर में छठ महापर्व का आयोजन 25 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इस पर्व के दौरान 27 अक्टूबर की शाम और 28 अक्टूबर की सुबह, श्रद्धालु नदियों और घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस बीच, दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी ने यमुना से झाग हटाने के लिए रासायनिक पदार्थों के उपयोग का आरोप लगाया था। अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग की है।


उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यमुना में झाग हटाने के लिए 'सिलिकोन डीफोमफोमा' के उपयोग की एक मीडिया रिपोर्ट का वीडियो साझा किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण को समाप्त करने के लिए, मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव की जांच किए बिना डाले गए रसायनों के बारे में इस गंभीर रिपोर्ट का तुरंत संज्ञान लिया जाए। छठ पर्व से पहले यह एक अत्यंत संवेदनशील विषय है।'



अखिलेश ने आगे कहा, 'यही यमुना जी मथुरा होते हुए प्रयागराज पहुँचकर जब गंगा जी में मिलती हैं, तो यह प्रदूषण काशी होते हुए और आगे बढ़ जाता है। इस प्रकार यमुना का प्रदूषण गंगा के जल को भी प्रभावित करता है। भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के कारण यमुना और गंगा को स्वच्छ रखने में असफल रही है, कम से कम और अधिक प्रदूषित तो न करे। नदियों की सफाई के लिए आवंटित अरबों रुपये कहाँ गए, इसकी गहन जांच और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हमारे देश में नदी केवल जल का प्रवाह नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का विषय है।'