यमुना नदी में जलस्तर में कमी, किसानों की फसलें प्रभावित

यमुना नदी का जलस्तर घटा
सनौली (पानीपत)। पहाड़ों में बारिश की कमी के कारण यमुना नदी का जलस्तर घटने लगा है। शनिवार को यह खतरे के निशान से नीचे 230.86 मीटर पर पहुंच गया, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, यमुना की तलहटी में खड़ी फसलों में लगातार पानी भरने से फसलें खराब हो रही हैं। जैसे-जैसे जलस्तर घट रहा है, फसलें पानी से बाहर आकर खराब होती जा रही हैं।
किसानों को नुकसान
राणा बेसिक, माजरा, पत्थरगढ, गढ़ी जलालपुर द्वितीय, तामशाबाद, सनौली खुर्द, रिशपुर, नन्हेड़ा, अधमी, जलमाना, मिर्जापुर, रहमत खेड़ी और खोजकीपुर के किसानों ने बताया कि उनकी लगभग 3000 एकड़ भूमि में बैगन, धनिया, तुरई, घीया, करेला, मिर्च और भिंडी की फसलें पानी में डूबने से खराब हो गई हैं। इसके अलावा, पशुओं के लिए उगाया गया चारा भी नष्ट हो गया है।
फसलें खराब होने की कहानी
दो एकड़ में लगाए बैगन हुए खराब
रामड़ा गांव के सुनील कुमार ने बताया कि उनके भाई ने दो एकड़ में बैगन की फसल लगाई थी, जो यमुना के पानी से खराब हो गई। इस फसल पर लगभग 40 हजार रुपये का खर्च आया था, और यह फसल अभी तैयार हो रही थी।
किसानों की मुआवजे की मांग
किसान मुआवजे की कर रहे मांग
यमुना नदी में खराब हुई फसलों के लिए किसान कमल, अकबर, अनवर, मोहित, सुनील, सतबीर, राजेश, त्रिलोक, मौसीम, प्रदीप और अन्य ग्रामीणों ने सरकार से गिरदावरी कर मुआवजे की मांग की है। यमुना नदी में बह रहे पेड़ों को निकालने के लिए यूपी के गांवों के युवक अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।