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यमुना प्राधिकरण का नया कदम: गांवों के विकास के लिए समिति का गठन

यमुना प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित गांवों के विकास के लिए एक नई समिति का गठन करने की योजना बनाई है। यह समिति ग्रामीणों की आवश्यकताओं को प्राधिकरण तक पहुंचाने का कार्य करेगी और विकास कार्यों की निगरानी करेगी। समिति में सभी वर्गों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस पहल का उद्देश्य गांवों में बुनियादी सेवाओं की स्थिति में सुधार लाना है।
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यमुना प्राधिकरण का नया कदम: गांवों के विकास के लिए समिति का गठन

ग्रेटर नोएडा में विकास की नई पहल

Greater Noida News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वर्षों से अधिसूचित गांवों में आवश्यक विकास कार्य नहीं किए हैं। अब यमुना प्राधिकरण इन गांवों के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बना रहा है। प्राधिकरण जल्द ही अधिसूचित शहरी गांवों में विकास एवं स्वच्छता समिति का गठन करेगा, जो विकास कार्यों की निगरानी करेगी और ग्रामीणों की आवश्यकताओं को सीधे प्राधिकरण तक पहुंचाएगी।


समिति में सभी की भागीदारी

समिति में होगी सबकी भागीदारी
इस समिति में अधिकतम 15 सदस्य होंगे, जिनमें सभी ग्रामीण शामिल होंगे। समिति के गठन में सामान्य, पिछड़ा और अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधियों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पूर्व प्रधान, पंचायत चुनाव में भाग ले चुके उम्मीदवार और बड़ी भूमि अधिग्रहित करने वाले ग्रामीण भी समिति का हिस्सा होंगे।


किस गांव से होगी शुरुआत?

किन गांवों में होगी शुरुआत?
योजना की शुरुआत उन गांवों से की जाएगी जिनकी भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है और जो विभिन्न सेक्टरों का हिस्सा बन चुके हैं। इसमें यमुना सिटी के सेक्टर-18, 20, 28, 29, 32, 33 से प्रभावित गांव शामिल हैं। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो अन्य गांवों में भी समितियों का गठन किया जाएगा।


समिति के कार्य क्या होंगे?

क्या होंगे समिति के कार्य?
समिति गांव की आवश्यकताओं और समस्याओं को पहचानकर प्राधिकरण को सुझाव देगी। यह गांव में चल रहे विकास कार्यों की निगरानी करेगी, स्वच्छता कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखेगी और बुनियादी सेवाओं जैसे सीवर, जल आपूर्ति, सड़क, लाइट आदि की स्थिति पर फीडबैक प्रदान करेगी।


नोडल अधिकारी की नियुक्ति

नियुक्त होगा नोडल अधिकारी
प्राधिकरण एक डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को इन गांवों का नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। यह अधिकारी समिति के साथ समन्वय स्थापित करेगा और समय-समय पर प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर गांवों की स्थिति से उन्हें अवगत कराएगा।


यह कदम क्यों आवश्यक था?

क्यों जरूरी था यह कदम?
शहरी क्षेत्र में अधिसूचित गांवों में पंचायती राज व्यवस्था समाप्त हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कोई सीधा माध्यम नहीं रह गया था। यमुना प्राधिकरण का यह कदम ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा।


समिति का महत्व

पुल का काम करेगी समिति
यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि समिति प्राधिकरण और ग्रामीणों के बीच संवाद का पुल बनेगी। इससे गांवों में सुविधाओं और उनके रखरखाव को बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।