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यमुनानगर में प्रदूषण और ठंड का बढ़ता खतरा

यमुनानगर में ठंड के साथ वायु प्रदूषण का स्तर भी चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। हाल ही में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 256 तक पहुंच गया है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है। डॉक्टरों का कहना है कि यह स्थिति विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड और स्मॉग दोनों में वृद्धि होने की संभावना है। अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जानें डॉक्टरों की सलाह और इससे बचने के उपाय।
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यमुनानगर में प्रदूषण और ठंड का बढ़ता खतरा

यमुनानगर में वायु प्रदूषण की स्थिति

यमुनानगर, वायु प्रदूषण: यमुनानगर में ठंड के साथ-साथ वायु की गुणवत्ता भी बिगड़ गई है। मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 256 तक पहुंच गया, जिससे सांस लेना कठिन हो गया। बुधवार और गुरुवार को बादल छाने से ठंड और बढ़ने की संभावना है।


ठंड का असर और प्रदूषण

अब ठंड केवल सुबह और शाम तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि दिन में भी महसूस की जा रही है। हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। मंगलवार को AQI 256 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, जो कि 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।


स्वास्थ्य पर प्रभाव

डॉक्टरों का कहना है कि इस स्तर की हवा बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए अत्यंत हानिकारक है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री दर्ज किया गया, लेकिन असली ठंड अब शुरू होने वाली है।


बादल और ठंड का प्रभाव

यमुनानगर में प्रदूषण: कल बादल छाएंगे, ठंड बढ़ेगी


कृषि विज्ञान केंद्र दामला के मौसम विशेषज्ञ डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को आसमान में बादल छा सकते हैं। धूप कम निकलने से ठंड और स्मॉग दोनों में वृद्धि होगी।


हफ्ते के अंत तक रात का तापमान 8 डिग्री तक गिर सकता है। ठंड में हवा की गति कम हो जाती है, जिससे धुआं और धूल हवा में लटक जाते हैं। सुबह कई क्षेत्रों में स्मॉग की मोटी चादर देखी जा रही है, जिससे गाड़ी चलाते समय दृश्यता भी कम हो गई है।


अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या

अस्पतालों में मरीजों की भीड़, सांस लेना हुआ मुश्किल


स्वास्थ्य विभाग के डॉ. सचिन शर्मा ने बताया कि ठंड और प्रदूषण का संयोजन लोगों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। अस्पतालों में खांसी, जुकाम, दमा, एलर्जी और सांस फूलने की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं।


AQI 200 से ऊपर होने पर फेफड़ों पर बोझ बढ़ता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बच्चों को बार-बार खांसी और आंखों में जलन की समस्या हो रही है।


डॉक्टर की सलाह

डॉक्टर की सलाह


सुबह और शाम बिना आवश्यक काम के घर से बाहर न निकलें।
बाहर जाने की आवश्यकता हो तो मास्क और गर्म कपड़े अवश्य पहनें।
ठंड में पानी पीना न भूलें।
संतरा और मौसमी जैसे फल और गुनगुना पानी इम्यूनिटी को बढ़ाएंगे।
अस्थमा और दिल के मरीज अपनी दवा साथ रखें और नियमित चेकअप कराएं।