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यमुनानगर में ब्लैकमेलिंग का मामला: पुलिस अधिकारी के बेटे को धमकी

यमुनानगर में एक पुलिस अधिकारी के नाबालिग बेटे को ब्लैकमेलिंग का शिकार बनाया गया है। आरोपी ने उससे आपत्तिजनक तस्वीरें मांगीं और एक लाख रुपये की मांग की। यदि पैसे नहीं दिए गए, तो तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी गई। पुलिस ने इस मामले में पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की है। जांच में एक परिवार का नाम सामने आया है, जिसने इस साजिश को अंजाम दिया। यह घटना नाबालिगों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
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यमुनानगर में ब्लैकमेलिंग का मामला: पुलिस अधिकारी के बेटे को धमकी

यमुनानगर में ब्लैकमेलिंग का मामला

यमुनानगर में ब्लैकमेलिंग: पुलिस अधिकारी के बेटे को आपत्तिजनक फोटो की मांग: यमुनानगर में एक पुलिस अधिकारी के नाबालिग बेटे को ब्लैकमेलिंग के मामले ने हड़कंप मचा दिया है। आरोपी ने उससे आपत्तिजनक तस्वीरें मांगीं और एक लाख रुपये की मांग की।


अगर पैसे नहीं दिए गए, तो तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी गई। इस मामले में जगाधरी थाने में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। हरियाणा में इस घटना ने चिंता बढ़ा दी है। आइए, इस मामले की गहराई में जाएं।


ब्लैकमेलिंग की शुरुआत


यमुनानगर में तैनात एक पुलिस अधिकारी का बेटा 10वीं कक्षा का छात्र है। वह इंस्टाग्राम पर अरुण राणा नामक व्यक्ति के संपर्क में आया, जिसने उससे आपत्तिजनक तस्वीरें मांगीं। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हुआ।


एक लाख रुपये की मांग की गई, और पैसे न देने पर तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई। इस यमुनानगर ब्लैकमेलिंग ने छात्र को मानसिक तनाव में डाल दिया है।


पुलिस अधिकारी की सजगता


पुलिस अधिकारी को अपने बेटे के तनाव पर संदेह हुआ। उन्होंने उससे पूछताछ की, लेकिन वह चुप रहा। इसके बाद उन्होंने उसका फोन चेक किया और इंस्टाग्राम चैट में अरुण राणा के साथ आपत्तिजनक बातचीत पाई। इससे ब्लैकमेलिंग की पूरी साजिश का खुलासा हुआ।


अधिकारी ने तुरंत जगाधरी थाने में शिकायत दर्ज कराई। यमुनानगर ब्लैकमेलिंग के इस मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है।


आरोपियों का गिरोह


पुलिस जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। यमुनानगर ब्लैकमेलिंग में प्रोफेसर कॉलोनी के एक परिवार का हाथ है। अरुण राणा, उसकी पत्नी और बेटे ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।


उन्होंने नाबालिग छात्र को अपने जाल में फंसाया। पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह ब्लैकमेलिंग गिरोह समाज के लिए खतरा बन गया है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।


सोशल मीडिया का दुरुपयोग


यमुनानगर ब्लैकमेलिंग ने सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को उजागर किया है। नाबालिग बच्चे आसानी से ऐसे जाल में फंस सकते हैं।


अभिभावकों को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। आपत्तिजनक तस्वीरें और ब्लैकमेलिंग के मामले बढ़ रहे हैं। पुलिस और समाज को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने की आवश्यकता है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।