यूक्रेन का नया सैन्य ऑपरेशन 'स्पाइडर': रूस के एयरबेस पर बड़ा हमला
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध में नया मोड़
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। यूक्रेन ने 'स्पाइडर' नामक एक रणनीतिक ऑपरेशन के तहत रूस के कई सैन्य एयरबेस पर व्यापक हमले किए हैं। यह कार्रवाई यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की देखरेख में और यूक्रेन की सुरक्षा सेवा द्वारा संचालित की गई।
एक साल की योजना और 117 ड्रोन
ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस हमले की योजना एक साल, छह महीने और नौ दिन पहले बनाई गई थी। यह यूक्रेन का अब तक का सबसे लंबा सैन्य ऑपरेशन था, जिसमें 117 ड्रोन और उतनी ही संख्या में ऑपरेटर शामिल थे।
रूस के एयरबेस पर हमला
यूक्रेन ने दावा किया है कि इस हमले में रूस के एयरबेस पर तैनात लगभग 40 विमानों को नष्ट कर दिया गया, जिनमें 34% रणनीतिक क्रूज़ मिसाइल वाहक शामिल हैं। ज़ेलेंस्की ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सुरक्षा प्रमुख वसील मालियुक और उनकी टीम को धन्यवाद दिया।
रूस की प्रतिक्रिया
रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के हमले को 'आतंकी कार्रवाई' करार दिया है। मंत्रालय के अनुसार, यूक्रेनी ड्रोनों ने मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर के एयरबेस को निशाना बनाया। रूस का कहना है कि इवानोवो, रियाज़ान और अमूर में हुए ड्रोन हमलों को विफल कर दिया गया, लेकिन मरमंस्क और इरकुत्स्क में कुछ विमानों को नुकसान पहुंचा।
शांति वार्ता से पहले का दबाव
विश्लेषकों का मानना है कि यूक्रेन ने यह हमला तुर्किए के इस्तांबुल में होने वाली शांति वार्ता के दूसरे चरण से पहले किया है ताकि रूस पर दबाव डाला जा सके। रूस का प्रतिनिधिमंडल पहले ही वार्ता के लिए तुर्किए पहुंच चुका है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, युद्धविराम की कोई तत्काल संभावना नहीं है।
यूक्रेन का आक्रामक रुख
यूक्रेन का यह आक्रामक रुख दर्शाता है कि वह किसी भी कीमत पर रूस को झुकाने के लिए तैयार है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह संदेश देना चाहता है कि यह युद्ध समाप्त होना चाहिए।
ज़ेलेंस्की का संदेश
ज़ेलेंस्की ने अपने संदेश का समापन 'ग्लोरी टू यूक्रेन!' के उद्घोष के साथ किया, जो दर्शाता है कि यह हमला केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
