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यूक्रेन का रूस पर ड्रोन हमला: शांति वार्ता से पहले की रणनीति

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष के बीच, यूक्रेन ने रूस के एयरबेस पर ड्रोन हमले की कार्रवाई की है। इस हमले के बाद, यूक्रेन ने रूस को शांति समझौते का मसौदा भेजा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले को उचित ठहराते हुए कहा कि यह दुश्मन के सैन्य लक्ष्यों पर केंद्रित था। जानें इस हमले के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
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यूक्रेन का रूस पर ड्रोन हमला: शांति वार्ता से पहले की रणनीति

यूक्रेन और रूस के बीच वार्ता की तैयारी

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए विभिन्न स्तरों पर बातचीत की जा रही है। इसी संदर्भ में, सोमवार को इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता का आयोजन होना है। लेकिन इस वार्ता से ठीक एक दिन पहले, यूक्रेन ने रूस के एयरबेस पर ड्रोन हमले का सहारा लिया, जिससे रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद, यूक्रेन ने रूस को शांति समझौते के लिए एक मसौदा ज्ञापन भी भेजा।


जेलेंस्की का बयान

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के एयरबेस पर हमले के बाद अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने इस कार्रवाई को पूरी तरह से उचित ठहराते हुए कहा कि यह दुश्मन की भूमि पर एक सफल ऑपरेशन था, जिसमें केवल सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया गया। जेलेंस्की ने यह भी उल्लेख किया कि इस हमले में रूस को भारी नुकसान हुआ।


शांति वार्ता की कोशिशें

जेलेंस्की ने कहा कि तुर्की या अमेरिका द्वारा आयोजित शांति वार्ता के तहत, उन्होंने रूस को समझौते का मसौदा भेजा है। हालांकि, रूस ने अभी तक अपने ज्ञापन को किसी के साथ साझा नहीं किया है। इसके बावजूद, यूक्रेन शांति की दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।


रूस के एयरक्राफ्ट पर हमला

यूक्रेन ने वार्ता से पहले एक ऐसा सैन्य ऑपरेशन किया है जिसने रूस को हिला कर रख दिया। जेलेंस्की ने इसे एक सफल कार्रवाई बताया, जो रूस द्वारा यूक्रेन पर किए जा रहे हमलों का प्रतिशोध है। यूक्रेन का दावा है कि इस ऑपरेशन में रूस के 40 से अधिक सैन्य विमान नष्ट हुए हैं।


तनाव बढ़ता जा रहा है

जेलेंस्की ने रूस के साथ युद्धविराम और शांति वार्ता की बात करते हुए, इस्तांबुल में वार्ता से पहले रूस पर हमला किया। यूक्रेन ने बिना शर्त युद्धविराम की मांग की है और इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल भी भेजा है। हालांकि, रूस ने अपनी शांति वार्ता की शर्तें अभी तक सार्वजनिक नहीं की हैं।


जेलेंस्की की रणनीति

जेलेंस्की की इस चालाकी ने न केवल रूस, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। यह स्पष्ट है कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष अब केवल हथियारों की लड़ाई नहीं रह गई है, बल्कि यह रणनीति और मनोवैज्ञानिक दबाव की लड़ाई बन चुकी है।