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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को सही ठहराया

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह कदम रूस को मजबूत करने वाले देशों पर सख्ती करने के लिए आवश्यक है। जेलेंस्की ने ट्रंप के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि रूस के साथ व्यापार करने वालों पर पाबंदियां लगाना जरूरी है। उन्होंने हाल ही में मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक पर भी टिप्पणी की। जानें जेलेंस्की के इस बयान के पीछे की पूरी कहानी।
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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को सही ठहराया

जेलेंस्की का समर्थन

नई दिल्ली - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लागू किया है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्रंप के इस कदम का समर्थन किया है। उन्होंने भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को उचित बताया है।


जेलेंस्की ने कहा कि यदि अमेरिका ने रूस को मजबूत करने वाले देशों पर सख्त कदम उठाए हैं, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। एक साक्षात्कार में, उन्होंने चीन, रूस और भारत के नेताओं के एक मंच पर आने की चर्चा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिकी टैरिफ का निर्णय उलटा पड़ गया है, क्योंकि मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग एक साथ नजर आए हैं, तो जेलेंस्की ने कहा कि वह मानते हैं कि भारत पर टैरिफ लगाना अमेरिका का सही निर्णय है। रूस के साथ व्यापार करने वालों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।


जेलेंस्की ने आगे कहा कि उन्होंने हाल ही में मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग के बीच बैठक देखी। जब उनसे पूछा गया कि क्या ट्रंप प्रशासन का टैरिफ लगाने का निर्णय गलत साबित हुआ, तो उन्होंने फिर से कहा कि यह सही है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ व्यापार करने वालों पर पाबंदियां लगाना जरूरी है। अलास्का समिट के बारे में पूछे जाने पर, जेलेंस्की ने कहा कि वह वहां उपस्थित नहीं थे।


जेलेंस्की ने कहा कि इस बैठक के माध्यम से ट्रंप ने पुतिन को वह सब कुछ दिया, जो वह चाहते थे। उन्होंने कहा कि पुतिन की लंबे समय से इच्छा थी कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलें, और ट्रंप ने उन्हें यह अवसर प्रदान किया। जब पुतिन ने मॉस्को में वार्ता का प्रस्ताव रखा, तो जेलेंस्की ने कहा कि वह कीव में नहीं जा सकते, जब उनका देश मिसाइलों के साये में है।


जेलेंस्की ने कहा कि यदि उन्हें वार्ता करनी थी, तो उन्हें युद्ध के बीच में ऐसा करना चाहिए था, जब यूक्रेन लगातार इस मांग को उठा रहा था। उन्होंने कहा कि ट्रंप से द्विपक्षीय वार्ता का संकेत मिला था और उन्होंने कहा कि वे किसी भी वार्ता के लिए तैयार हैं, बशर्ते वह मॉस्को में न हो। उन्होंने कहा कि रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर टैरिफ लगाना एक उत्कृष्ट विचार है।