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यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति में अचानक बदलाव: ट्रंप का विवादास्पद निर्णय

डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को पोलैंड के जरिए भेजे जा रहे अमेरिकी हथियारों की खेप को अचानक वापस बुला लिया है, जिससे अमेरिका-यूक्रेन संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इस निर्णय ने कई सवाल उठाए हैं, जैसे कि क्या ट्रंप और पुतिन के बीच कोई गुप्त समझौता हुआ है? यूक्रेनी सांसदों ने इसे विश्वासघात बताया है। जानें इस निर्णय के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति में अचानक बदलाव: ट्रंप का विवादास्पद निर्णय

यूक्रेन के लिए अमेरिकी हथियारों की वापसी

यूक्रेन को पोलैंड के माध्यम से भेजे जा रहे अमेरिकी हथियारों की एक महत्वपूर्ण खेप को अचानक वापस बुला लिया गया है। डोनाल्ड ट्रंप के इस निर्णय ने अमेरिका-यूक्रेन संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है और यह संदेह भी उत्पन्न कर रहा है कि ट्रंप और पुतिन के बीच कोई गुप्त समझौता हो सकता है। इस निर्णायक मोड़ पर, यह कदम यूक्रेन की सैन्य शक्ति को कमजोर कर सकता है।


ट्रंप का 'अमेरिका फर्स्ट' दृष्टिकोण

NATO में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि मैथ्यू व्हिटेकर ने स्पष्ट किया है कि ट्रंप अब 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अमेरिकी हथियारों के भंडार में कमी को इस निर्णय का कारण बताया जा रहा है, लेकिन यह संकेत भी मिल रहे हैं कि ट्रंप यूरोपीय सहयोगियों पर दबाव डालना चाहते हैं ताकि वे यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता प्रदान करें। ट्रंप की सोच यह भी हो सकती है कि अमेरिका इस संघर्ष से पीछे हट जाए और यूरोप को आगे आना चाहिए।


रोके गए हथियारों की सूची

पोलैंड में फंसी हथियारों की सूची में 252 HIMARS मिसाइलें, 30 पैट्रियट मिसाइलें, 8,496 आर्टिलरी गोले, 92 एयर टू एयर मिसाइलें, 142 हेलफायर मिसाइलें और 125 एंटी टैंक हथियार शामिल हैं। ये सभी अब वापस मंगाए जा रहे हैं। यूक्रेनी सांसदों ने इस निर्णय को 'विश्वासघात' करार दिया है।


क्रेमलिन में खुशी, यूरोप में चिंता

रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने ट्रंप के इस निर्णय का स्वागत किया है, उनका कहना है कि इससे युद्ध का अंत जल्द संभव हो सकता है। हालांकि, यदि यूरोपीय देश हथियारों की आपूर्ति जारी रखते हैं, तो यह संघर्ष और भी लंबा और खतरनाक हो सकता है।


क्या जेलेंस्की को संकेत मिल रहा है?

ट्रंप के इस कदम को एक रणनीतिक इशारे के रूप में देखा जा रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि अमेरिका अब इस युद्ध से पीछे हटना चाहता है। सवाल यह है कि क्या ट्रंप ने पुतिन को यूक्रेन या यूरोप के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दे दी है? यदि यूरोप ने मिलकर यूक्रेन का मोर्चा संभाला, तो रूस की प्रतिक्रिया और भी तीव्र हो सकती है।


भविष्य की संभावनाएं

यूक्रेन की सुरक्षा क्षमताएं तेजी से घट रही हैं। जबकि यूरोपीय देश नए हथियार विकसित कर रहे हैं, ट्रंप के निर्णय ने युद्ध का संतुलन बदल दिया है। अब जेलेंस्की की रणनीतिक स्थिति कमजोर होती जा रही है, और यह संभव है कि उन्हें जल्द ही देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़े।