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यूनाइटेड हिंदू फ्रंट का धरना: माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में मुस्लिम छात्रों की संख्या पर उठे सवाल

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने नई दिल्ली में माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में मुस्लिम छात्रों की संख्या को लेकर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान, 42 मुस्लिम छात्रों का चयन रद्द करने की मांग की गई। संगठन के नेता जय भगवान गोयल ने चिंता जताई कि ये छात्र हिंदू दान से चलने वाले संस्थान में डॉक्टर बनकर खतरा बन सकते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय के निर्णय का भी हवाला दिया, जिसमें धार्मिक-सांस्कृतिक संस्थानों के संचालन में समुदाय के हितों की रक्षा का उल्लेख है।
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यूनाइटेड हिंदू फ्रंट का धरना: माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में मुस्लिम छात्रों की संख्या पर उठे सवाल

धरना प्रदर्शन और ज्ञापन

नई दिल्ली: यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने आज मुख्य शाहदरा चौक पर एक धरना प्रदर्शन आयोजित किया। इस दौरान, उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर को एक ज्ञापन भेजा गया, जिसकी प्रतियां भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, शिक्षामंत्री, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और श्राइन बोर्ड के सीईओ को भी प्रेषित की गईं। इस प्रदर्शन का नेतृत्व यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री जय भगवान गोयल ने किया।


श्री गोयल ने बताया कि माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 सीटों की चयन सूची में से 42 सीटें मुस्लिम छात्रों को दी गई हैं, जिससे व्यापक असंतोष और विरोध उत्पन्न हुआ है।


आतंकवाद और चिकित्सा संस्थान

उन्होंने हाल ही में दिल्ली में हुए बम विस्फोट का उल्लेख किया, जिसमें अल फलाह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के आतंकवादी संगठनों से संबंधों की पुष्टि हुई है। कई डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है, और जांच एजेंसियों को यह जानकारी मिली है कि ये लोग हमास की तर्ज पर ड्रोन और रॉकेट हमलों की योजना बना रहे थे। गोयल ने चिंता व्यक्त की कि ये मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू दान से चलने वाले मेडिकल संस्थान में डॉक्टर बनकर हिंदू लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं।


उन्होंने कहा कि जांच में यह भी सामने आया है कि जम्मू-कश्मीर में कई डॉक्टरों के लॉकरों से अवैध हथियार बरामद हुए हैं।


धार्मिक-सांस्कृतिक संरक्षण

गोयल ने बताया कि यह मेडिकल कॉलेज हिंदू समाज के दान और श्रद्धा पर आधारित है। करोड़ों श्रद्धालुओं के योगदान से यह संस्थान स्थापित हुआ है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के हालिया निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि जब किसी धार्मिक-सांस्कृतिक संस्थान का संचालन किसी विशेष समुदाय के दान से होता है, तो उस समुदाय के हितों का संरक्षण राज्य का दायित्व है।


उन्होंने मांग की कि माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संस्थान का मूल उद्देश्य और सांस्कृतिक पहचान प्रभावित न हो। इसलिए, उन्होंने 42 मुस्लिम छात्रों का चयन रद्द करने और हिंदू छात्रों को प्रवेश देने की मांग की।