यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) में नए बदलाव: जानें क्या होगा प्रभावित
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) में 1 अगस्त से कई महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं, जो उपयोगकर्ताओं, व्यापारियों और बैंकों को प्रभावित करेंगे। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा घोषित इन परिवर्तनों का उद्देश्य UPI को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है। जानें कि ये नए नियम क्या हैं और कैसे ये आपके लेन-देन को प्रभावित कर सकते हैं।
Jul 29, 2025, 19:02 IST
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यूपीआई में बदलाव की घोषणा
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) में 1 अगस्त से कई महत्वपूर्ण परिवर्तन लागू होने जा रहे हैं। ये परिवर्तन उपयोगकर्ताओं, व्यापारियों और बैंकों पर प्रभाव डालेंगे। यूपीआई का नियामक निकाय, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), इस लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म में कई नए नियमों की घोषणा करने वाला है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य UPI को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना, इसकी विश्वसनीयता को बढ़ाना और विशेष रूप से व्यस्त समय में लेन-देन में रुकावटों को कम करना है।
UPI में आई समस्याएँ
UPI में क्या आई थी दिक्कत
ये परिवर्तन यूपीआई में आई बड़ी रुकावटों के बाद किए जा रहे हैं, जो 12 अप्रैल और 26 मार्च को हुई थीं। इन रुकावटों ने करोड़ों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित किया और लाखों रुपये के लेन-देन में बाधा डाली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के हालिया नोट में कहा गया है कि भारत का यूपीआई रीयल-टाइम भुगतान तकनीक में एक वैश्विक नेता बनकर उभरा है। UPI ने वीज़ा को पीछे छोड़ दिया है, जो अन्य भुगतान प्रणालियों में अपने प्रभुत्व का प्रतीक है। IMF ने यह भी बताया कि यूपीआई भारत के लगभग 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतानों को संचालित करता है, जबकि वैश्विक स्तर पर इसका योगदान लगभग 60 प्रतिशत है।
नए नियमों का प्रभाव
अगले महीने से क्या क्या बदलाव हो रहे हैं
UPI उपयोगकर्ता अब अपने खाते की शेष राशि को प्रतिदिन अधिकतम 50 बार ही देख सकेंगे, जबकि पहले यह संख्या असीमित थी। NPCI ने UPI ऑटोपे लेनदेन के लिए भी एक निश्चित समय-सीमा निर्धारित की है। सब्सक्रिप्शन, EMI और उपयोगिता बिलों जैसे भुगतान अब पूरे दिन में अनियमित समय पर संसाधित नहीं होंगे। ये केवल निर्धारित समय के भीतर ही किए जाएंगे। हालांकि, ये परिवर्तन ग्राहकों को सीधे प्रभावित नहीं करेंगे क्योंकि उनके ऑटो-भुगतान सामान्य रूप से जारी रहेंगे।