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यूपी एक्सप्रेसवे परियोजना: 9 नए प्रोजेक्ट्स से परिवहन में बदलाव

यूपी एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत 9 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जो प्रदेश की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर यूपी में कुल 4374 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे नेटवर्क होगा, जो देश में सबसे बड़ा होगा। यह न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा। जानें इस योजना की खास बातें और इसके संभावित लाभ।
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यूपी एक्सप्रेसवे परियोजना: 9 नए प्रोजेक्ट्स से परिवहन में बदलाव

यूपी एक्सप्रेसवे परियोजना: परिवहन में नई क्रांति

उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यूपी एक्सप्रेसवे परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश में सड़कों के विकास के लिए एक और बड़ा निर्णय लिया है। पहले से ही छह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हैं, और अब नौ नए एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है।


4374 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे नेटवर्क

इन नए प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर यूपी में कुल 4374 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे नेटवर्क स्थापित होगा, जो देश में सबसे बड़ा होगा। यह पहल न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।


नए एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स की जानकारी

यूपी सरकार ने जिन नौ नए एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी है, उनमें रीवा लिंक एक्सप्रेसवे, मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे, लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इनकी कुल लंबाई 2063 किलोमीटर होगी।


20,000 करोड़ का निवेश और तेजी से कार्य

इन नए एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। यूपीडा के एसीईओ श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य हर जिले को देश के अन्य हिस्सों से तेजी से जोड़ना है।


सड़कों की क्रांति और आर्थिक विकास

यूपी एक्सप्रेसवे परियोजना से प्रदेश में सड़कों की क्रांति आएगी। नए प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर यूपी देश का पहला राज्य बनेगा, जहां इतना बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क होगा। यह न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।