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यूपी में एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में फर्जीवाड़ा: स्वास्थ्य विभाग की जांच शुरू

उत्तर प्रदेश में 2016 में हुई एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच में स्वास्थ्य महानिदेशालय के कई अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। अर्पित और अंकित जैसे नामों से फर्जी नियुक्तियों का खुलासा हुआ है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के बारे में।
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यूपी में एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में फर्जीवाड़ा: स्वास्थ्य विभाग की जांच शुरू

एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में धोखाधड़ी का मामला


एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में धोखाधड़ी: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में 2016 में हुए एक्स-रे टेक्नीशियन की भर्ती में फर्जीवाड़े की खबरों ने हड़कंप मचा दिया है। अब इस मामले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। स्वास्थ्य महानिदेशालय के डॉक्टर और कर्मचारी भी जांच के दायरे में हैं। यह मामला तब सामने आया जब एक ही नाम से कई नियुक्ति पत्र जारी होने का खुलासा हुआ।


सूत्रों के अनुसार, 2016 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 403 टेक्नीशियन की सूची के आधार पर नियुक्ति के आदेश महानिदेशालय में तैनात पैरामेडिकल निदेशक द्वारा जारी किए गए थे। अर्पित और अंकित नाम के व्यक्तियों को छह-छह, जबकि अंकुर नाम के व्यक्ति को दो एक्स-रे टेक्नीशियन के रूप में नौकरी और वेतन प्राप्त करने की जानकारी मिली है। इस धोखाधड़ी की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि कितने अन्य लोगों को इसी सूची के आधार पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं।


जानकारी के अनुसार, अर्पित सिंह ने 2016 में हाथरस सीएमओ के अधीन तैनाती प्राप्त की थी। अन्य जिलों में भी अर्पित के नाम से फर्जी नियुक्तियों की जानकारी सामने आई है। सभी सीएमओ से तैनाती और वेतन जारी करने के दस्तावेज मांगे गए हैं।


इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशालय के पूर्व महानिदेशक, निदेशक पैरामेडिकल, संयुक्त निदेशक पैरामेडिकल, और नियुक्तियों एवं तबादलों का कार्य देखने वाले कार्यालय अधीक्षक और लिपिकों से पूछताछ की जा सकती है। रविवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों ने अपने जिलों में तैनात एक्स-रे टेक्नीशियन से संबंधित दस्तावेज जमा किए। इस दौरान निदेशक ने नियुक्तियों में संभावित चूक के बारे में सीएमओ से भी चर्चा की।