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यूपी में पाकिस्तानियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 63 साल से भारत में रह रही महिला की कहानी

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। बरेली में एक 63 वर्षीय महिला, जो 8 महीने की उम्र में भारत आई थी, को पाकिस्तान भेजने की तैयारी की जा रही है। फरहत सुल्ताना ने कहा है कि उन्होंने कभी पाकिस्तान नहीं देखा और अब उन्हें जबरन वापस भेजा जा रहा है। उनकी स्थिति और परिवार की चिंता जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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यूपी में पाकिस्तानियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 63 साल से भारत में रह रही महिला की कहानी

यूपी में पाकिस्तानियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

UP News: उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानियों के खिलाफ योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस क्रम में, प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पाकिस्तानियों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इसी संदर्भ में, बरेली में एक महिला, जो 63 वर्षों से भारत में निवास कर रही है, को पाकिस्तान भेजने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, बुजुर्ग महिला ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह पाकिस्तान नहीं जाएगी। वह केवल 8 महीने की उम्र में भारत आई थी। इस महिला का नाम फरहत सुल्ताना उर्फ ​​फरीदा है और वह सूफी टोला क्षेत्र में रहती हैं।


फरहत का बयान

जानिए क्या बोलीं फरहत

फरहत ने बताया कि उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी भारत में बिताई है। जब वह 8 महीने की थीं, तब उनकी मां उन्हें भारत ले आई थीं। अब 63 साल बाद प्रशासन उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने की तैयारी कर रहा है। फरहत कहती हैं कि उन्होंने कभी पाकिस्तान नहीं देखा। उन्होंने भारत में अपनी आंखें खोलीं, यहीं खेली, पढ़ाई की, शादी की और बच्चे पैदा किए। अब उन्हें जबरन पाकिस्तान भेजा जा रहा है।


फरहत की चिंता

कहां जाऊं मैं?

फरहत ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी कोई फर्जी दस्तावेज नहीं बनवाए। उनके अनुसार, जब सरकार ने आधार कार्ड बनाने के लिए कैंप लगाए थे, तब उन्होंने भी अपना कार्ड बनवाया। पहले राशन कार्ड उनके पति के नाम पर था, लेकिन जब सरकार ने महिलाओं के नाम पर कार्ड बनाने का निर्देश दिया, तो उनका नाम जोड़ दिया गया। अब उन पर गलत तरीके से दस्तावेज बनाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और राशन कार्ड तथा आधार कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। फरहत कहती हैं, 'मैं गरीब हूं। मेरे सात बच्चे हैं, जिनमें से एक बेटी की एक साल पहले मृत्यु हो गई। मेरे दोनों बेटे मजदूरी करते हैं। मुझे अपनी चार बेटियों की शादी करनी है। ऐसे में मैं कहां जाऊं?'