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यूपी में पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी: फर्जी दस्तावेजों के साथ इलाज का मामला

कुशीनगर में एक पाकिस्तानी नागरिक सेराजुल हक को गिरफ्तार किया गया है, जिसने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भारत में रहने और इलाज कराने का प्रयास किया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता से जांच की, जिससे सेराजुल का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। जानें इस मामले की पूरी कहानी और प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।
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यूपी में पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी: फर्जी दस्तावेजों के साथ इलाज का मामला

पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी

यूपी समाचार: ऑपरेशन सिंदूर के तहत, दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक प्रशासन पाकिस्तानी नागरिकों और जासूसों की खोज में जुटा हुआ है। इस बीच, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। हाल ही में कुशीनगर पुलिस ने एक पाकिस्तानी नागरिक सेराजुल हक को गिरफ्तार किया है, जो लांग टर्म वीजा पर भारत में रह रहा था। जानकारी के अनुसार, सेराजुल ने दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर भारतीय वोटर कार्ड, फर्जी आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनवाए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि उसने इस आयुष्मान कार्ड का उपयोग करके इलाज भी कराया है।


आयुष्मान कार्ड से इलाज

कुशीनगर की एलआईयू टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि पटेहरवा थाना क्षेत्र के पिपरा कनक गांव में एक पाकिस्तानी नागरिक रह रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद शासन के निर्देश पर एलआईयू ने जांच शुरू की, जिससे पता चला कि सेराजुल हक 1957 में अपनी मां के साथ भारत आया था। उनके पास लॉन्ग टर्म वीजा था, जिसे हर साल नवीनीकरण किया जाता था। सेराजुल की मां की मृत्यु के बाद भी वह भारत में रह रहा था और अपने वीजा की अवधि बढ़वाता रहा।


फर्जी दस्तावेजों का मामला

सहयोगियों की भूमिका

इस दौरान, सेराजुल ने सहज जन सेवा केंद्र चलाने वाले चांद अख्तर और शब्बीर आजम की मदद से भारतीय वोटर आईडी, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनवाए। जब शासन ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सख्ती दिखाई, तो कुशीनगर एलआईयू टीम ने जांच की, जिससे सेराजुल का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। इसके बाद, पटेहरवा थाने की पुलिस ने सेराजुल हक के साथ-साथ उसके सहयोगियों चांद अख्तर और शब्बीर आजम को भी गिरफ्तार कर लिया।