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यूपी रेरा ने बिल्डरों के लिए नए नियम लागू किए, हर फेज में सुविधाएं अनिवार्य

उत्तर प्रदेश रेरा ने बिल्डरों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिसमें हर फेज के लिए अलग डेवलपमेंट प्लान और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य किया गया है। यह कदम खरीदारों की समस्याओं को हल करने के लिए उठाया गया है, जिससे उन्हें बेहतर जीवन स्तर मिल सके। जानें इस बदलाव के बारे में और अधिक जानकारी।
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यूपी रेरा ने बिल्डरों के लिए नए नियम लागू किए, हर फेज में सुविधाएं अनिवार्य

बिल्डरों के लिए नए नियम

Greater Noida News: उत्तर प्रदेश रेरा ने बिल्डरों की मनमानी पर नियंत्रण लगाने के लिए प्रोजेक्ट पंजीकरण की शर्तों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब प्रत्येक फेज के लिए अलग डेवलपमेंट प्लान प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा, और निर्माण उसी के अनुसार किया जाना चाहिए। हर फेज को एक अलग प्रोजेक्ट के रूप में माना जाएगा, और बिल्डर की जिम्मेदारी होगी कि वह निवासियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करे।


हर फेज के लिए एनओसी आवश्यक

हर फेज में लेनी होगी एनओसी


नए नियमों के अनुसार, यदि कोई बिल्डर पंजीकरण कराना चाहता है, तो उसे हर फेज के लिए अग्निशामक व्यवस्था, पेयजल, आपात निकास, बिजली, एसटीपी, स्ट्रीट लाइट और सड़कों जैसी सुविधाओं का पूरा विवरण यूपी रेरा को प्रस्तुत करना होगा। इसके लिए एनओसी भी प्राप्त करनी होगी। नियमों का उल्लंघन करने पर न केवल पंजीकरण रोका जाएगा, बल्कि जुर्माना भी लगाया जाएगा।


शिकायतों की बढ़ती संख्या

लगातार मिल रही थी शिकायतें


रेरा के अनुसार, यह देखा गया है कि बिल्डर प्रोजेक्ट को फेज में बांटकर निर्माण कर रहे हैं, लेकिन हर चरण में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने से बच रहे हैं। इससे खरीदारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि लिफ्ट का न होना या पीने के पानी की कमी।


सुविधाओं पर विवाद

सुविधाओं को लेकर विवाद


ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई हाउसिंग सोसायटियों में पहले और दूसरे फेज के निवासियों के बीच सुविधाओं को लेकर विवाद उत्पन्न हुए हैं। हाल ही में निराला एस्टेट में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी। निवासियों का कहना है कि यदि प्रारंभ में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, तो वे अगले फेज तक पुरानी हो जाती हैं।


हर फेज में सुविधाएं अनिवार्य

हर फेज में पूरी सुविधा देना अनिवार्य


रेरा ने स्पष्ट किया है कि अब हर फेज को स्वतंत्र प्रोजेक्ट के रूप में देखा जाएगा। इसका अर्थ है कि हर चरण में निवासियों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिलनी चाहिए, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।


पंजीकृत प्रोजेक्ट की संख्या

4000 से अधिक पंजीकृत प्रोजेक्ट


वर्तमान में यूपी रेरा में लगभग 4000 प्रोजेक्ट पंजीकृत हैं, और हर महीने लगभग 200 नए प्रोजेक्ट जुड़ रहे हैं। शिकायतों के आधार पर पंजीकरण प्रक्रिया को सख्त करना आवश्यक हो गया था, ताकि बिल्डरों की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।


एसओपी का पालन

एसओपी पहले से लागू


यूपी रेरा के सचिव महेंद्र वर्मा ने बताया कि पिछले साल सितंबर में जारी की गई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) अब भी प्रभावी है। नए नियमों को तुरंत लागू किया गया है, और बिल्डरों को प्रोजेक्ट के पंजीकरण के समय विकास कार्यों और मूलभूत सुविधाओं का फेजवाइज प्लान प्रस्तुत करना होगा।