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यूपी सरकार ने कोडीन सिरप तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाए

उत्तर प्रदेश की सरकार ने कोडीन सिरप की तस्करी और अवैध बिक्री के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए जीरो टॉलरेंस नीति की घोषणा की। उन्होंने बताया कि एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है और सभी मेडिकल स्टोर्स पर कोडीन सिरप के स्टॉक का डिजिटल मिलान किया जाएगा। इसके अलावा, साइबर ठगों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जा रही है। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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यूपी सरकार ने कोडीन सिरप तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाए

कोडीन सिरप पर सरकार की कार्रवाई


लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद में कोडीन सिरप के मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सरकार युवाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।


नेता सदन ने बताया कि कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी और अवैध बिक्री को रोकने के लिए एक तीन सदस्यीय एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) का गठन किया गया है। औषधि प्रशासन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि सभी मेडिकल स्टोर्स पर कोडीन सिरप के स्टॉक का डिजिटल मिलान किया जाए। यदि बिना डॉक्टर के पर्चे के बिक्री पाई जाती है, तो संबंधित स्टोर का लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाएगा।



मौर्य ने कहा कि यूपी के माध्यम से अन्य राज्यों में होने वाली तस्करी को रोकने के लिए पुलिस विभाग को चेकपोस्टों पर सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। दवा के नाम पर जहर बेचने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोडीन युक्त कफ सिरप के कई बड़े होलसेल लाइसेंस 2016 में समाजवादी सरकार के दौरान जारी किए गए थे, जिसके कारण आज युवाओं और बच्चों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


उप मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की नीति अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का स्पष्ट मत है कि अपराधी चाहे किसी भी पार्टी, धर्म या जाति का हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। केवल ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट ही नहीं, बल्कि NDPS एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।


उन्होंने यह भी कहा कि इस नशे के काले कारोबार की जड़ें 2016 में समाजवादी सरकार के दौरान बांटे गए होलसेल लाइसेंसों में हैं। मौर्य ने कहा कि उस समय राजनीतिक संरक्षण में जो जहर बांटने का काम शुरू हुआ, उसका हिसाब अब लिया जा रहा है। साइबर ठगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, जिसमें आईटी एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग की धाराएं शामिल हैं। प्रदेश के हर मंडल और प्रमुख जिलों में हाई-टेक साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं।


उन्होंने बताया कि साइबर हेल्पलाइन 1930 को और अधिक सशक्त बनाया गया है, जिससे ठगी के शिकार लोगों का पैसा तुरंत फ्रीज करने में मदद मिल रही है। लगभग 630 करोड़ रुपये की धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में फ्रीज किया गया है। प्रदेश भर में 90,000 से अधिक संदिग्ध बैंक खातों को चिन्हित कर उन पर लेन-देन रोक दिया गया है।


मौर्य ने सदन में कहा कि अखिलेश यादव का PDA पिछड़ों या दलितों के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार के लिए है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब सपा सत्ता में थी, तब उन्हें पिछड़ों और दलितों की याद नहीं आई। भाजपा का संकल्प सबका साथ, सबका विकास है, जबकि सपा का लक्ष्य केवल अपने कुनबे का विकास है।