यूपीआई में बदलाव: बैलेंस चेक और ऑटोपे नियमों में नई सीमाएं
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में नए नियमों के तहत बैलेंस चेक और ऑटोपे ट्रांजेक्शन में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। अब उपयोगकर्ता एक दिन में केवल 50 बार बैलेंस चेक कर सकेंगे, और ऑटोपे ट्रांजेक्शन नॉन-पीक टाइम में ही प्रोसेस होंगे। ये बदलाव यूपीआई नेटवर्क की स्थिरता और गति को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। जानें इन नियमों का आपके दैनिक लेनदेन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और कैसे ये सेवाओं को बेहतर बनाएंगे।
Jun 23, 2025, 15:24 IST
| 
यूपीआई के नए नियमों का प्रभाव
भारत में डिजिटल भुगतान का प्रमुख साधन यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) बन चुका है। इसके बढ़ते उपयोग और सर्वर पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है। ये नए नियम उन सभी उपयोगकर्ताओं पर लागू होंगे जो यूपीआई के माध्यम से भुगतान करते हैं, चाहे वे PhonePe, Google Pay या Paytm का उपयोग कर रहे हों। आइए जानते हैं ये बदलाव क्या हैं और ये आपके दैनिक लेनदेन को कैसे प्रभावित करेंगे।
बैलेंस चेक की नई सीमा
अब दिन में सिर्फ 50 बार ही कर सकेंगे बैलेंस चेक
NPCI द्वारा 21 मई, 2025 को जारी किए गए नए सर्कुलर के अनुसार, यूपीआई उपयोगकर्ता अब एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे। यदि आप एक से अधिक यूपीआई ऐप जैसे PhonePe और Paytm का उपयोग करते हैं, तो हर ऐप पर अलग-अलग 50 बार बैलेंस देखने की अनुमति होगी।
बदलाव की आवश्यकता
क्यों जरूरी है ये बदलाव?
बार-बार बैलेंस चेक करने से सर्वर पर अत्यधिक लोड पड़ता है, जिससे यूपीआई नेटवर्क धीमा हो जाता है और अन्य लेनदेन प्रभावित होते हैं। यह सीमा इसलिए निर्धारित की गई है ताकि सर्वर स्थिर बना रहे और सेवाएं बाधित न हों।
ऑटोपे ट्रांजेक्शन में बदलाव
ऑटोपे मेंडेट अब सिर्फ नॉन-पीक टाइम में होंगे प्रोसेस
नेटफ्लिक्स, म्यूचुअल फंड SIP, और अन्य सब्सक्रिप्शन के लिए यूपीआई ऑटोपे सेट किया गया होता है। नए नियमों के तहत, ये ऑटोपे ट्रांजेक्शन अब केवल नॉन-पीक आवर्स में ही प्रोसेस होंगे।
पीक आवर्स की जानकारी
पीक आवर्स कौन से हैं?
- सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक
- शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक
इन समयों में ऑटोपे जैसी सिस्टम-जनरेटेड API को सीमित किया जाएगा या पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा, ताकि मैन्युअल ट्रांजेक्शन्स को प्राथमिकता दी जा सके।
ट्रांजेक्शन के बाद बैलेंस अलर्ट
हर ट्रांजेक्शन के बाद मिलेगा बैलेंस अलर्ट
NPCI ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि हर यूपीआई ट्रांजेक्शन के बाद उपयोगकर्ता को उनका बैलेंस स्टेटस भेजा जाए। इससे उपयोगकर्ताओं को बार-बार बैलेंस चेक करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और नेटवर्क पर लोड नहीं बढ़ेगा।
नियमों का उल्लंघन
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई
NPCI ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई बैंक या पीएसपी (Payment Service Provider) नए नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे API ब्लॉकिंग, जुर्माना, और नए ग्राहकों का ऑनबोर्डिंग रोकना।
रियल टाइम बैलेंस अपडेट
रियल टाइम बैलेंस अपडेट मिलेगा, नहीं करनी पड़ेगी बार-बार जांच
NPCI ने यह सुनिश्चित किया है कि नए नियमों के लागू होने के बाद भी ग्राहकों को रियल टाइम में उनका बैंक बैलेंस अपडेटेड रूप में मिलेगा। इससे उपयोगकर्ता को ट्रांजेक्शन के बाद तुरंत जानकारी मिल जाएगी और बार-बार बैलेंस चेक करने की आवश्यकता नहीं होगी।
बदलावों का प्रभाव
क्या इन बदलावों से हमें परेशानी होगी?
शुरुआत में ये बदलाव थोड़े जटिल लग सकते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य यूपीआई नेटवर्क को और अधिक तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। एक दिन में 50 बार बैलेंस चेक करना आमतौर पर किसी उपयोगकर्ता की आवश्यकता से अधिक होता है। रियल टाइम अपडेट और नॉन-पीक टाइम में ऑटोपे ट्रांजेक्शन से सर्वर पर लोड कम होगा और सभी के लिए सेवाएं बेहतर बनी रहेंगी।