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यूरोपीय संघ ने ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज किया, भारत के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रयासरत हैं और रूस से तेल खरीदने वाले देशों को चेतावनी दे रहे हैं। हालांकि, यूरोपीय संघ ने ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश की है। यह कदम दर्शाता है कि यूरोप भारत को रूस के प्रभाव में नहीं धकेलना चाहता। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में और क्या हैं इसके पीछे के कारण।
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यूरोपीय संघ ने ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज किया, भारत के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश

ट्रंप की रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सक्रियता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके तहत, वे रूस और उन देशों को जो रूसी तेल खरीदते हैं, लगातार चेतावनी दे रहे हैं। ट्रंप ने यूरोपीय देशों से भी आग्रह किया कि वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने यूरोप के देशों को तुरंत रूस से तेल खरीदने पर रोक लगाने का निर्देश दिया। ट्रंप का मुख्य निशाना भारत रहा है, क्योंकि वे भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर आपत्ति जता चुके हैं। इस बीच, यूरोपीय संघ ने ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूरोप भारत को रूस के प्रभाव में नहीं धकेलना चाहता।