योग और पर्यावरण: शुद्धि का अद्भुत संबंध

योग का महत्व और पर्यावरण
(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। योग और पर्यावरण के बीच एक गहरा संबंध है। योग एक पवित्र शक्ति है जो मानसिक अशुद्धियों को समाप्त कर पर्यावरण को शुद्ध करने में सहायक है। यह विचार झोझूकलां के सेठ किशन लाल मंदिर में हरियाणा योग आयोग और आयुष विभाग द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय प्रोटोकॉल प्रशिक्षण के समापन पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि पेड़-पौधे जीवन का आधार हैं और धरती मां की शोभा बढ़ाते हैं। राजयोग और योगासन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। वसुधा बहन ने कहा कि योग हमारे अंदर की दिव्यता को निखारने का एक सुंदर तरीका है, इसलिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
इस अवसर पर झोझूकलां सेवाकेंद्र की प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाना आवश्यक है, तभी हम योगयुक्त और नशामुक्त हरियाणा का सपना साकार कर सकते हैं। इसके लिए नियमित योगाभ्यास और राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करना चाहिए, क्योंकि यह मानसिक शांति और आंतरिक मजबूती प्रदान करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का अभ्यास
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रोटोकॉल का अभ्यास
उन्होंने कहा कि यदि हम भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना चाहते हैं, तो हमें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनना होगा, और यह योग के माध्यम से ही संभव है। आज ब्रह्माकुमार मनोज और जितेंद्र ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रोटोकॉल का अभ्यास करवाया। पूर्व प्रवक्ता लक्ष्मी ने कहा कि योग से परिवार और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सुख और शांति की अनुभूति होती है।
इस अवसर पर कविता बीडीसी ने सभी योग साधकों को टी-शर्ट प्रदान की और कहा कि योग भारत की प्राचीन पद्धति है, इसे बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है।