योगिनी एकादशी 2025: व्रत पारण समय, पूजा विधि और महत्व

योगिनी एकादशी का महत्व
आज योगिनी एकादशी है, एक ऐसा विशेष दिन जब भगवान विष्णु की कृपा से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, और योगिनी एकादशी तो विशेष पुण्य का अवसर है। इस व्रत के माध्यम से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि जीवन में सुख और समृद्धि भी आती है। यदि आप आध्यात्मिक शांति या जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति चाहते हैं, तो यह व्रत आपके लिए उपयुक्त है। आइए, जानते हैं योगिनी एकादशी 2025 का पारण समय, पूजा विधि और इसका महत्व!
व्रत का पारण
योगिनी एकादशी 2025 का व्रत खोलने का सही समय 22 जून को दोपहर 1:47 बजे से 4:35 बजे तक है। इस अवधि में आप अपना व्रत तोड़ सकते हैं। ध्यान रखें, पारण का समय शास्त्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सही समय पर व्रत खोलने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। इसलिए इस समय को अपने कैलेंडर में नोट कर लें और भगवान विष्णु का धन्यवाद करते हुए व्रत का समापन करें।
पूजा विधि
योगिनी एकादशी की पूजा विधि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर में कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें। फिर फूल, चंदन, और तुलसी पत्र अर्पित करें। तुलसी के बिना यह पूजा अधूरी मानी जाती है! रात में जागरण करें और भगवान के भजन गाएं। अगली सुबह फिर से श्री हरि की पूजा करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं, दान-दक्षिणा दें, और फिर व्रत खोलें। ये छोटे-छोटे कदम आपको बड़ा पुण्य दिलाएंगे!
योगिनी एकादशी का महत्व
योगिनी एकादशी का व्रत इतना प्रभावशाली है कि इसे 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य देने वाला माना जाता है। इस व्रत से सभी पाप धुल जाते हैं, और यदि कोई श्राप हो तो वह भी समाप्त हो जाता है। यह व्रत करने वालों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहती है। चाहे आपकी जिंदगी में कितनी भी कठिनाइयाँ हों, योगिनी एकादशी 2025 का व्रत आपके लिए नई उम्मीद लेकर आएगा।
कैसे करें तैयारी?
योगिनी एकादशी का व्रत रखने के लिए मन को शुद्ध रखें। सात्विक भोजन करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। पूजा के लिए तुलसी, फूल, और प्रसाद पहले से तैयार रखें। यदि आप पहली बार व्रत रख रहे हैं, तो किसी जानकार से सलाह लें। इस व्रत को परिवार के साथ मिलकर करें, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। तो देर किस बात की? आज ही योगिनी एकादशी के व्रत की तैयारी शुरू करें और भगवान विष्णु की कृपा पाएं!