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योगी आदित्यनाथ ने अटल आवासीय विद्यालय योजना की जानकारी दी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में अटल आवासीय विद्यालय योजना की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी स्कूल को बंद नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि छोटे स्कूलों का विलय किया जाएगा ताकि छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इसके साथ ही, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करने के उपाय भी किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य श्रमिक और गरीब बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करना है।
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योगी आदित्यनाथ ने अटल आवासीय विद्यालय योजना की जानकारी दी

अटल आवासीय विद्यालय योजना का उद्देश्य

उत्तर प्रदेश विधानसभा में चल रही चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसी भी विद्यालय को बंद करने का कोई इरादा नहीं रखती है। उन्होंने बताया कि सरकार का मुख्य लक्ष्य बच्चों को एक आधुनिक और सुसज्जित इंटीग्रेटेड कैंपस प्रदान करना है, जहां वे प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक की शिक्षा एक ही परिसर में प्राप्त कर सकें। यह योजना अटल आवासीय विद्यालयों पर आधारित होगी, जिसमें श्रमिक और निराश्रित बच्चों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.


शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि सरकार छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय को अटल आवासीय विद्यालय का दौरा कराया जाए, ताकि वे इस बदलाव को नजदीक से देख सकें। सीएम ने बताया कि छोटे स्कूलों को 1 किलोमीटर के दायरे में इंटीग्रेट कर बड़े और बेहतर कैंपस में बदला जा रहा है, जिससे छात्रों को सभी संसाधन एक ही स्थान पर मिल सकें.


इंटीग्रेटेड कैंपस का महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इंटीग्रेटेड कैंपस का निर्माण सरकार की प्राथमिकता है। इससे छात्रों को एक ही परिसर में सभी कक्षाओं की पढ़ाई का अवसर मिलेगा। अटल आवासीय विद्यालय इसी का एक उदाहरण हैं, जहां श्रमिक और गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ आवास की सुविधा भी मिल रही है.


छोटे स्कूलों का विलय

सीएम ने बताया कि 50 से कम छात्रों वाले और 1 किलोमीटर के दायरे में स्थित स्कूलों का विलय किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है। इससे छात्र-शिक्षक अनुपात भी संतुलित रहेगा और बच्चों को बेहतर माहौल मिलेगा.


छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार

सरकार ने यह तय किया है कि हर 22 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध कराया जाएगा। जहां आवश्यकता होगी, वहां आयोग के माध्यम से नई भर्तियां की जाएंगी। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि शिक्षकों पर काम का बोझ भी कम होगा.


विपक्षी आरोपों का जवाब

सीएम योगी ने कहा कि स्कूलों का विलय केवल यूपी में नहीं हो रहा है। हिमाचल, कर्नाटक और अन्य राज्यों में भी ऐसा किया गया है, लेकिन वहां किसी ने इसका विरोध नहीं किया। यूपी में इसका उद्देश्य बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा और सुविधाएं प्रदान करना है, न कि स्कूलों को बंद करना.