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योगी सरकार का जातिगत भेदभाव समाप्त करने का प्रयास, अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें सार्वजनिक स्थलों पर जाति का उल्लेख नहीं करने का निर्देश दिया गया है। इस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने जातिगत भेदभाव की मानसिकता और इसके खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की है। जानें इस विषय पर और क्या कहा गया है।
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योगी सरकार का जातिगत भेदभाव समाप्त करने का प्रयास, अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

जातिगत भेदभाव के खिलाफ योगी सरकार का नया आदेश


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अब सार्वजनिक स्थलों पर जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, पुलिस रिकॉर्ड्स और प्राथमिकी से भी जाति का उल्लेख हटाया जाएगा। इस आदेश के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जातिगत भेदभाव से भरी साज़िशों को समाप्त करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?


अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, "5000 वर्षों से मन में बसे जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे?" इसके अलावा, उन्होंने वस्त्र, वेशभूषा और प्रतीक चिन्हों के माध्यम से जाति-प्रदर्शन से उत्पन्न भेदभाव को मिटाने के लिए भी सवाल उठाए।




उन्होंने आगे कहा कि जातिगत भेदभाव की सोच को समाप्त करने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे, जैसे कि किसी का घर धुलवाने के लिए जाति का उल्लेख करना? और झूठे आरोपों के माध्यम से किसी को बदनाम करने की साज़िशों को समाप्त करने के लिए क्या किया जाएगा?


मुख्य सचिव के आदेश में यह भी कहा गया है कि पुलिस अभिलेखों और सार्वजनिक संकेतों में जाति का प्रदर्शन रोका जाए और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) में अभियुक्तों की जाति बताने वाले कॉलम को हटाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, अभियुक्तों के माता-पिता के नाम भी दर्ज किए जाएंगे। वाहनों और सार्वजनिक स्थानों पर जाति का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।