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योगी सरकार का शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम: मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूलों की स्थापना

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूलों की स्थापना की योजना बनाई है। 39 जिलों में तेजी से स्कूलों का निर्माण हो रहा है, जो प्राइमरी से कक्षा बारहवीं तक के छात्रों को एक ही परिसर में शिक्षा प्रदान करेंगे। हर जिले में 150 मॉडल स्कूल बनाने का लक्ष्य है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं जैसे स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी शामिल होंगी। इस परियोजना पर लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जानें इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी।
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योगी सरकार का शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम: मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूलों की स्थापना

मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूलों की स्थापना


उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसका उद्देश्य प्रदेश में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना है। हाल ही में, 39 जिलों में मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूलों की स्थापना की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। ये स्कूल प्राइमरी से लेकर कक्षा बारहवीं तक के छात्रों को एक ही परिसर में शिक्षा प्रदान करेंगे। सरकार ने हर जिले में 150 मॉडल स्कूल बनाने की योजना बनाई है, जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और प्रयोगशालाओं जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। इस परियोजना पर लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूलों का निर्माण


प्रदेश के 39 जिलों में मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूलों का निर्माण तेजी से शुरू हो चुका है। ये विद्यालय प्री-प्राइमरी से कक्षा बारहवीं तक एक ही परिसर में शिक्षा देंगे। सरकार ने हर जिले में एक मुख्यमंत्री कंपोजिट स्कूल स्थापित करने की योजना बनाई है। पहले चरण में 75 जिलों में से 39 में काम शुरू हो चुका है, जबकि 10 अन्य जिलों में जल्द ही कार्य आरंभ होगा। बाकी जिलों में वित्तीय स्वीकृति और अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।


प्रथम चरण के बाद हर जिले में एक और कंपोजिट विद्यालय बनाने की योजना भी है। कुल मिलाकर राज्य में 150 मॉडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक स्कूल के निर्माण पर लगभग 30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ये स्कूल 5 से 10 एकड़ भूमि पर बनेंगे और सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस होंगे। हर विद्यालय में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, आधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं, मिनी स्टेडियम, कौशल विकास केंद्र, कार्यशालाएं, आवासीय सुविधाएं, सीसीटीवी निगरानी, स्वच्छ पेयजल और शौचालय जैसी सुविधाएं होंगी। योजना को गति देने के लिए सरकार ने छह प्रमुख निर्माण एजेंसियों को नियुक्त किया है।


इन जिलों में बन रहे हैं स्कूल


सीतापुर, बिजनौर, कानपुर देहात, महाराजगंज, अम्बेडकर नगर, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, बलिया, सुल्तानपुर, हमीरपुर, रायबरेली, औरैया, अमेठी, हरदोई, अमरोहा, चित्रकूट, ललितपुर, जालौन, चन्दौली, फिरोजाबाद, श्रावस्ती, इटावा, मैनपुरी, हापुड़, कौशाम्बी, मऊ, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर, संतकबीरनगर, संभल, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, हाथरस, बदायूं, बहराइच, भदोही और बागपत।