योगी सरकार ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन में की वृद्धि, जानें नए आंकड़े

वेतन और भत्तों में वृद्धि की घोषणा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद के सदस्यों के वेतन और भत्तों में वृद्धि की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी नौ साल बाद की गई है, जिसके तहत विधानसभा में उत्तर प्रदेश विधानमंडल सदस्य एवं मंत्रीगण सुख-सुविधा अधिनियम विधेयक, 2025 को सर्वसम्मति से पारित किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस निर्णय से सरकार पर 105.21 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
वेतन और भत्तों में यह वृद्धि महंगाई को ध्यान में रखते हुए की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि 2016 में विधायकों और मंत्रियों के वेतन पर विचार किया गया था। मार्च 2025 में एक समिति का गठन किया गया था, जिसमें नेता प्रतिपक्ष सहित कई प्रमुख सदस्य शामिल थे।
विधायकों का वेतन: 25,000 रुपये से बढ़कर 35,000 रुपये।
मंत्रियों का वेतन: 40,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये।
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 50,000 रुपये से बढ़कर 75,000 रुपये।
दैनिक भत्ता: 2,000 रुपये से बढ़कर 2,500 रुपये।
जनसेवा कार्य भत्ता: 1,500 रुपये से बढ़कर 2,000 रुपये।
चिकित्सीय भत्ता: 30,000 रुपये से बढ़कर 45,000 रुपये।
टेलीफोन भत्ता: 6,000 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये।
पेंशन: 25,000 रुपये से बढ़कर 35,000 रुपये।
पारिवारिक पेंशन: 25,000 रुपये से बढ़कर 30,000 रुपये।
पूर्व विधायकों के रेलवे कूपन: 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.5 लाख रुपये (रेल/फ्लाइट के लिए 50,000 रुपये और निजी वाहनों के लिए 1 लाख रुपये नकद)। यह निर्णय मार्च 2025 में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है, जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी सहमति जताई है।