रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश: आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई रणनीति

भारत की दृढ़ता: आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं
गोवा के तट पर स्थित स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को स्पष्ट करते हुए कहा कि देश किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए इसे 'मौन लेकिन प्रभावशाली' बताया, यह कहते हुए कि यह सेना चुपचाप रहते हुए भी दुश्मनों के इरादों को विफल करने में सक्षम रही है।
नौसेना की शक्ति का प्रदर्शन
जो चुप रहकर दुश्मन को रोक दे, वह बोलेगा तो क्या होगा?
रक्षा मंत्री ने नौसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “भारतीय नौसेना ने अपनी खामोश कार्यशैली से पाकिस्तान की सेना को सीमित कर दिया है। यह वही नौसेना है जो बिना शोर के भी शत्रु पक्ष को जकड़ने में सक्षम रही है। अब कल्पना कीजिए, अगर यही नौसेना मुखर होकर जवाब दे तो क्या होगा?” यह बयान भारतीय नौसेना की शक्ति को उजागर करता है और भविष्य में किसी भी उकसावे की स्थिति में उसकी निर्णायक भूमिका को इंगित करता है।
आतंकवाद का अंत
'आतंकवाद का खेल अब खत्म'
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद को सहन नहीं करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान द्वारा स्वतंत्रता के बाद से चलाए जा रहे आतंकवादी नेटवर्क और उनकी गतिविधियां अब समाप्ति की कगार पर हैं। रक्षा मंत्री के अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति अब केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सक्रिय कार्रवाई का स्वरूप ले चुकी है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक महत्वपूर्ण कदम
ऑपरेशन सिंदूर: एक स्पष्ट संदेश
रक्षा मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र करते हुए इसे सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं बल्कि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने न केवल आतंकवादियों बल्कि उनके समर्थन करने वालों को भी स्पष्ट संकेत दे दिया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि अपनी शर्तों पर कार्रवाई करेगा।
पाकिस्तान को चुनौती
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत की स्थिति बिलकुल स्पष्ट है, अगर बातचीत करनी है, तो वह आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर ही होगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अगर वाकई वार्ता के प्रति गंभीर है, तो उसे सबसे पहले हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे वैश्विक आतंकवादियों को भारत को सौंपना चाहिए। यह भारत की न्याय प्रणाली पर विश्वास बहाल करने की दिशा में पहला कदम होगा।
भारत की नई रणनीति
भारत की रणनीति से पाकिस्तान अचंभित
अपने भाषण में राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए हर पारंपरिक उपाय अपनाएगा। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि आवश्यक हुआ, तो भारत उन तरीकों का भी प्रयोग करेगा जिनकी पाकिस्तान ने कल्पना भी नहीं की होगी। यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत अब पुरानी सीमाओं से बाहर निकल कर रणनीति बना रहा है और किसी भी स्तर पर राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
सैन्य कार्रवाई का निर्णय
'हमने अपनी शर्तों पर सैन्य कार्रवाई रोकी'
उन्होंने बताया कि भारत की सैन्य कार्रवाइयां किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी नीतियों और प्राथमिकताओं के अनुसार तय होती हैं। ऑपरेशन सिंदूर को रोकना भी भारत का एक रणनीतिक निर्णय था, जिससे यह सिद्ध होता है कि भारत जब चाहे, जहां चाहे और जैसे चाहे, आतंक के खिलाफ कदम उठा सकता है।
पाकिस्तान को चेतावनी
पाकिस्तान को साफ चेतावनी
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि भारत आतंकवाद को लेकर कोई नरमी नहीं बरतेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में पाकिस्तान ने कोई भी नापाक हरकत की, तो भारतीय नौसेना उसका उत्तर देने के लिए सबसे पहले तैयार होगी। उन्होंने कहा कि यह नौसेना अब केवल समुद्री सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता की सुरक्षा में सबसे आगे खड़ी है।