रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया

रक्षा मंत्री का आत्मनिर्भरता पर बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारी आत्मनिर्भरता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारी सेनाओं ने अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में जो चुनौतियाँ थीं, उन्हें हमने पार किया है।
हथियारों का स्वदेशी निर्माण
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत अपने सैनिकों के लिए हथियारों का निर्माण खुद करेगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे सैनिकों ने स्वदेशी उपकरणों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया।
भविष्य की योजनाएँ
गुरुवार को सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2029 तक घरेलू रक्षा निर्माण को 3 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाए और लगभग 50,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात किया जाए। यह एक बड़ा दृष्टिकोण है, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम इसे साकार करेंगे।
स्किल और संवेदनशीलता
उन्होंने कहा कि स्किल के साथ-साथ संवेदनशीलता भी आवश्यक है। कोई भी कौशल तभी सार्थक है जब वह समाज के काम आए। यदि आपका कौशल केवल आपके लिए है, तो वह अधूरा है।
युवाओं की भूमिका
आज जब हमारा देश रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, ऐसे संस्थान और पाठ्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो न केवल पढ़े-लिखे हों, बल्कि स्वदेशी तकनीक को समझें और उसे विकसित करें।
सकारात्मक सोच
राजनाथ सिंह ने कहा कि एक कुशल व्यक्ति कभी नहीं रुकता, वह हर परिस्थिति में रास्ता खोज लेता है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपने कौशल और मेहनत से इतिहास बनाएं।
आत्मविश्वास और निर्णय
उन्होंने कहा कि जीवन में कई बार कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन हमें अपने निर्णयों से तय करना चाहिए कि हम क्या बनेंगे। रक्षा मंत्री ने बताया कि हमने कठिनाइयों का सामना किया और रक्षा निर्माण को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया।
शिक्षा का उद्देश्य
राजनाथ सिंह ने कहा कि असली शिक्षा वह है जो दूसरों के जीवन में रोशनी लाए। किताबों में ज्ञान तब तक अधूरा है जब तक वह जीवन में लागू नहीं होता।