रमेश विश्वास कुमार: एयर इंडिया प्लेन क्रैश के एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की कहानी

रमेश विश्वास कुमार का अद्भुत अनुभव
रमेश विश्वास कुमार एयर इंडिया प्लेन क्रैश के एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति: अहमदाबाद में हुए ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना में रमेश विश्वास कुमार चमत्कारिक रूप से बच गए हैं। इस हादसे में कुल 242 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। रमेश का इलाज अहमदाबाद के एक अस्पताल में चल रहा है। उनके बोर्डिंग पास के अनुसार, वह फ्लाइट की सीट 11A पर बैठे थे।
रमेश का पेशा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
रमेश की उम्र 40 वर्ष है और वह दमन दीव के निवासी हैं। वह कई वर्षों से अपने परिवार के साथ लीसेस्टर में रह रहे हैं। रमेश अपने बड़े भाई अजय कुमार के साथ भारत आए थे। उनका कपड़ों का व्यवसाय है और उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। उनकी पत्नी और बेटा लीसेस्टर में छोटे भाई नयन और मां के साथ रहते हैं।
दुर्घटना के समय की स्थिति
दुर्भाग्यवश, इस हादसे में रमेश के भाई की मृत्यु हो गई। रमेश ने जलते हुए विमान से बाहर निकलने के बाद अपने परिवार को वीडियो कॉल किया।
रमेश की बचने की कहानी
🚨🇮🇳 एक चमत्कारिक जीवित बचे व्यक्ति ने एयर इंडिया प्लेन क्रैश के स्थल से बाहर निकलने में सफलता पाई।
रमेश को मामूली चोटें आईं और वह बिना किसी सहायता के दुर्घटनास्थल से बाहर निकलने में सफल रहे। उन्हें सीट 11A पर बैठा गया था। pic.twitter.com/89z2t5z51X
— GAROWE ONLINE (@GaroweOnline) June 12, 2025
रमेश के भाई नयन के अनुसार, वे बिजनेस के सिलसिले में भारत आए थे। रमेश पहले टेक्सटाइल कंपनी RMV फैशन के डायरेक्टर थे, जो 2022 में बंद हो गई।
अंकल को फोन करने का अनुभव
जब विमान रनवे पर था, तब रमेश ने अपने अंकल को फोन किया और बताया कि वे जल्द ही उड़ान भरने वाले हैं। लेकिन कुछ समय बाद जब उन्होंने वीडियो कॉल किया, तो उनकी स्थिति बहुत खराब थी।
डॉक्टरों की रिपोर्ट
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के प्रमुख सर्जन डॉ. रजनीश पटेल ने बताया कि रमेश को गंभीर चोटें नहीं आई हैं और उन्हें जल्द ही छुट्टी दी जा सकती है।
रमेश का बयान
🚨चमत्कारिक जीवित बचे व्यक्ति का बयान!
रमेश ने डीडी न्यूज को बताया: “साइड डोर टूट गया... एक छोटा सा गैप था। मैंने सोचा, शायद मैं इससे बाहर निकल सकता हूँ... और मैं बाहर निकल गया!”
💔 अहमदाबाद में त्रासदी — क्या यह किस्मत, अंतर्ज्ञान, या आशीर्वाद था?… pic.twitter.com/eWQu6OWipc
— Bharat Ki News (@BharatKiNews_) June 13, 2025
रमेश ने बताया कि वह इमरजेंसी गेट के पास बैठे थे और जब विमान गिरा, तो वह मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के ग्राउंड पर गिरे। उन्होंने अपनी सीट बेल्ट खोली और बाहर निकलने की कोशिश की, जिसमें वह सफल रहे।
सोशल मीडिया पर चर्चा
रमेश के बचने के बाद, सोशल मीडिया पर उनकी सीट 11A ट्रेंड कर रही है, जिसे 'एंजेल नंबर' कहा जा रहा है। न्यूमेरोलॉजी के अनुसार, 111 को एंजेल नंबर माना जाता है।