रांची में चीनी साइबर अपराधियों के सात एजेंट गिरफ्तार

CID ने किया बड़ा खुलासा
रांची में चीनी साइबर अपराधियों का भंडाफोड़: राजधानी रांची के जगन्नाथपुर क्षेत्र में एक होटल से सात एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है, जो चीनी साइबर अपराधियों के लिए काम कर रहे थे। सीआईडी की साइबर थाना टीम ने शुक्रवार को यह कार्रवाई की, और यह गिरोह अब देशभर में करोड़ों की साइबर ठगी का सबसे बड़ा नेटवर्क माना जा रहा है.
गुप्त सूचना से मिली जानकारी
सीआईडी को 4 जुलाई को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक होटल में कुछ संदिग्ध लोग डिजिटल अरेस्ट और फर्जी निवेश के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये सभी चीनी साइबर गैंग के लिए म्यूल बैंक अकाउंट्स की व्यवस्था कर रहे थे, जिनके माध्यम से ठगी के पैसे ट्रांसफर किए जाते थे.
हाई-टेक ठगी का तरीका
कैसे करते थे ठगी:
गिरफ्तार किए गए एजेंट चीनी कंपनियों जैसे Mono Pay, Dragon Pay, Super Pay, और Mango Pay India के लिए भी काम कर चुके हैं। ये एजेंट अपने लक्ष्यों को व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर APK फाइल भेजते थे, जो मोबाइल में इंस्टॉल होते ही बैंक ओटीपी, अलर्ट और अन्य संवेदनशील जानकारी को सीधे चीनी सर्वर पर भेज देती थी.
इस प्रक्रिया से चीनी साइबर हैकर्स को रिमोट एक्सेस मिल जाता था, जिससे वे आसानी से खातों से पैसे निकाल लेते थे। अब तक की जांच में इस गैंग पर 68 से अधिक साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज की गई हैं.
पुलिस को क्या मिला?
गिरफ्तारी के दौरान बरामद सामान:
सीआईडी ने जब गिरफ्तार आरोपियों की तलाशी ली, तो उनके पास से 12 मोबाइल फोन, 1 सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड, और व्हाट्सएप-टेलीग्राम चैट के जरिए 60 फर्जी बैंक खातों की जानकारी बरामद की गई.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
कौन हैं ये एजेंट?
गिरफ्तार किए गए एजेंटों में अधिकांश बिहार और मध्य प्रदेश से हैं। इनमें कुमार दीपक (सीवान), कुमार सौरभ (नालंदा), प्रभात कुमार (सीवान), लखन चौरसिया (सागर, म.प्र.), शिवम कुमार (नवादा), अनिल कुमार और प्रदीप कुमार (पटना) शामिल हैं। सीआईडी अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले साइबर क्राइम नेटवर्क का हिस्सा है, और इनकी गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है.