राज ठाकरे का विवादास्पद बयान: वीडियो रिकॉर्डिंग पर चेतावनी

राज ठाकरे का वीडियो बयान वायरल
राज ठाकरे का वीडियो: "वीडियो मत बनाओ जब मार रहे हो" यह बयान महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे का है, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि "मारपीट करते समय वीडियो न बनाएं।" इस बयान के बाद ठाकरे का नाम ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। यह टिप्पणी उस समय आई जब हाल ही में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा एक फूड स्टॉल के मालिक की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था।
स्टॉल मालिक पर आरोप था कि उसने मराठी में बात नहीं की, जिसके चलते उसे थप्पड़ मारा गया। इसके बाद मनसे को आलोचना का सामना करना पड़ा और 7 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
राज ठाकरे का तंज या चेतावनी?
राज ठाकरे का तंज या चेतावनी?
राज ठाकरे ने अपनी पार्टी की बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, "जो भी करना है करो, लेकिन पागलों की तरह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर मत डालो। क्या तुम पुलिस को सबूत दे रहे हो?" इस बयान को कुछ लोगों ने गंभीरता से लिया, जबकि अन्य ने इसे व्यंग्य के रूप में देखा। सोशल मीडिया पर लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या वह हिंसा को रोकने की बात कर रहे हैं या केवल वीडियो रिकॉर्डिंग से बचने की सलाह दे रहे हैं?
Only in Indian Politics can you run a failed startup for 20 years and yet carry enough swagger to justify violence. This is the MNS Chief Raj Thackeray whose goons beat a trader over Marathi. He says next time don’t make a video. Let the person hit come out and tell the world. pic.twitter.com/mv7OWQA24T
— Sanket Upadhyay (@sanket) July 5, 2025
विपक्ष और सोशल मीडिया का हमला
विपक्ष और सोशल मीडिया का हमला
राजनीतिक विरोधियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। लोगों का कहना है कि हिंसा को रोकने की बात होनी चाहिए थी, न कि उसे छिपाने की। इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि "मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन भाषा के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
भाईयों ने साझा किया मंच
भाईयों ने साझा किया मंच
करीब दो दशकों बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिला जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक ही मंच पर नजर आए। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का स्वागत किया और गले मिलते हुए गर्मजोशी दिखाई। इस दृश्य ने शिवसेना (उद्धव गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया। शनिवार, 5 जुलाई को मंच साझा करने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब वह और राज मिलकर मुंबई महानगरपालिका और राज्य की सत्ता पर नियंत्रण हासिल करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे।
राज ठाकरे के इस बयान ने एक बार फिर मनसे की कार्यशैली और उनकी भाषा नीति को लेकर बहस छेड़ दी है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या नेता हिंसा पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं, या केवल उसका सबूत छिपाने की सलाह दे रहे हैं?