राजनाथ सिंह का आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस का संदेश

आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार, 25 अगस्त को कहा कि अप्रैल में पहलगाम में आतंकवादियों ने लोगों से उनके नाम और धर्म पूछकर हत्या की थी। लेकिन हमारे सैनिकों ने आतंकवादियों को उनके कर्मों के आधार पर निशाना बनाया। यह बयान देश में आतंकवाद और सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर चल रही चर्चाओं के बीच आया है.
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
जोधपुर में बोलते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर, का उल्लेख किया। इस ऑपरेशन में 26 लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में हमारी सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और लक्ष्यों पर सटीक हमला किया।" वह जोधपुर में रक्षा एवं खेल अकादमी का उद्घाटन करने और सैनिकों के परिवारों को सम्मानित करने के लिए उपस्थित थे.
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की
राजनाथ सिंह ने कहा, "आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की, लेकिन हमारे सैनिकों ने आतंकियों को उनके धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि उनके कृत्यों के आधार पर निशाना बनाया।" उन्होंने यह भी बताया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है और सैनिक किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं.
सैनिकों की वीरता की सराहना
सैनिकों की निष्पक्षता और वीरता
रक्षा मंत्री ने भारतीय सैनिकों की निष्पक्षता और साहस की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का मुख्य उद्देश्य देश की रक्षा करना है, और यह किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ पक्षपात नहीं करती। राजनाथ ने कहा, "हमारे सैनिकों ने हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा है। उनकी कार्रवाई में कोई भेदभाव नहीं होता, केवल आतंक के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाते हैं."