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राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी दी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति को दोहराते हुए कहा कि देश सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा। सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय नौसेना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा कि भारत ने अपनी शर्तों पर सैन्य कार्रवाइयां रोकी हैं।
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राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी दी

पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन न करने की सलाह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने पड़ोसी देश से आतंकवादी मसूद अजहर और हाफिज सईद को भारत को सौंपने का आग्रह किया। सिंह ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि आजादी के बाद से वह जो आतंकवाद का खेल खेल रहा है, वह अब समाप्त हो चुका है।


भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति

सिंह ने भारत के आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि देश इस खतरे का सामना करने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हर संभव तरीका अपनाया जाएगा, चाहे वह पाकिस्तान के विचारों से परे ही क्यों न हो।


ऑपरेशन सिंदूर की सफलता

राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के लिए यह बेहतर होगा कि वह अपनी धरती पर चल रहे आतंकवाद के ठिकानों को समाप्त करे। उन्होंने हाल के सैन्य अभियानों का उल्लेख करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को भारत के आतंकवाद-रोधी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का सीधा हमला है।


भारतीय नौसेना की भूमिका

सिंह ने कहा कि हमने बहुत कम समय में पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। उन्होंने भारतीय नौसेना की सराहना की, जिसने भारत के आतंकवाद-रोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी धरती पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, तब अरब सागर में भारतीय नौसेना की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को अपने तटों तक सीमित कर दिया।


अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति का दावा

सिंह ने कहा कि हमारे हमले की शक्ति इतनी प्रभावशाली थी कि पाकिस्तान ने पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाई। उन्होंने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता करने के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सैन्य अभियानों को रोकने का निर्णय पूरी तरह से भारत का था। हमने अपनी शर्तों पर अपनी सैन्य कार्रवाइयां रोकी हैं।