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राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार के प्रयासों की सराहना की और बताया कि कैसे देश के कई क्षेत्र अब विकास की ओर बढ़ रहे हैं। राजनाथ सिंह ने पुलिस बलों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि समाज और पुलिस एक-दूसरे पर निर्भर हैं। उनका यह भी कहना था कि सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है।
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राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

पुलिस स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि

नई दिल्ली: पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न पुलिस बलों के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।


उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पहले नक्सलियों का आतंक था, वहां अब सड़कें, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज स्थापित हो चुके हैं। जो क्षेत्र कभी नक्सलियों का गढ़ थे, अब वे शिक्षा के केंद्र बन रहे हैं। आज बच्चे मोबाइल और कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं और बड़े सपने देख रहे हैं। भारत के जो क्षेत्र रेड कॉरिडोर के लिए जाने जाते थे, वे अब ग्रोथ कॉरिडोर में बदल चुके हैं। यह बदलाव हमारे पुलिस बलों और सुरक्षाबलों के योगदान के बिना संभव नहीं था।


रक्षा मंत्री ने कहा कि यह दिन उन पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बलिदान को याद करने का है, जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपने आप को समर्पित किया। उन्होंने बताया कि नक्सलवाद एक समय में आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी समस्या थी। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कई जिले इससे प्रभावित थे। गांवों में स्कूल बंद थे, सड़कें नहीं थीं, और लोग भय में जीते थे। लेकिन हमने ठान लिया कि इस समस्या को आगे नहीं बढ़ने देंगे। हमारी पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर इस समस्या का समाधान किया।


उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों के प्रयास अब फलित हो रहे हैं। पूरे देश को विश्वास हो गया है कि अगले वर्ष तक इस समस्या का नामोनिशान नहीं रहेगा। इस वर्ष कई शीर्ष नक्सलियों का खात्मा किया गया है और नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी बहुत कम रह गई है।


रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर लोग रात को चैन से सो पाते हैं, तो इसका कारण यह है कि उन्हें विश्वास है कि सीमा पर सेना और गली-मोहल्ले में पुलिस मुस्तैद है। यह विश्वास ही सुरक्षा की सबसे बड़ी परिभाषा है। आज देश के नागरिकों को भरोसा है कि अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ, तो पुलिस उनकी मदद के लिए खड़ी होगी।


उन्होंने यह भी कहा कि सेना और पुलिस दोनों ही देश की सुरक्षा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। दुश्मन चाहे सीमा पार से आए या हमारे बीच छिपा हो, जो भी व्यक्ति भारत की सुरक्षा के लिए खड़ा है, वह एक ही आत्मा का प्रतिनिधि है।


रक्षा मंत्री ने बताया कि समाज और पुलिस एक-दूसरे पर निर्भर हैं। कोई भी समाज तभी शांति और प्रगति की ओर बढ़ सकता है जब उसके भीतर सुरक्षा, न्याय और विश्वास की भावना मजबूत हो। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने न केवल देश की सुरक्षा पर ध्यान दिया है, बल्कि पुलिस बलों की भलाई पर भी ध्यान दिया है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमारी सरकार ने 2018 में नेशनल पुलिस मेमोरियल की स्थापना की, ताकि पुलिस के प्रति सम्मान व्यक्त किया जा सके। इसके अलावा, पुलिस को आधुनिक हथियारों और बेहतर सुविधाएं प्रदान की गई हैं। पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को भी पर्याप्त संसाधन दिए जा रहे हैं। आज हमारे पुलिस बलों के पास सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन, फॉरेंसिक लैब और डिजिटल पुलिसिंग जैसे आधुनिक साधन हैं।


रक्षा मंत्री ने कहा कि पुलिस को मिल रही सुविधाओं के बीच, हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि हमारे पास चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन संसाधन सीमित हैं। इसलिए हमें उन संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना होगा। यह तभी संभव है जब हम सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल से काम करें। उन्होंने कहा कि सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है।