राजनीतिक इस्लाम: एक गंभीर समीक्षा
इस्लाम और राजनीति का गहरा संबंध
खुमैनी ने कहा था, "पूरा इस्लाम राजनीति है।" यह कथन सही है। इस्लाम का काफिरों के प्रति दृष्टिकोण ही राजनीतिक इस्लाम का आधार है। मुहम्मद की जीवनी, कुरान, और हदीस मिलकर इस्लामी सिद्धांत और व्यवहार का निर्माण करते हैं, जिसमें अधिकांश सामग्री गैर-मुस्लिमों पर केंद्रित है। इस्लाम का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में इस्लाम का शासन स्थापित करना है, जिसका अर्थ है कि गैर-मुस्लिमों को या तो इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर करना या समाप्त करना।
राजनीतिक इस्लाम की समझ
राजनीतिक इस्लाम को समझना अत्यंत आवश्यक है। यह केवल एक धर्म नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रणाली भी है। इसके नियम और कानून सभी पर लागू होते हैं, जिसमें गैर-मुस्लिम भी शामिल हैं। इसलिए, यह हर व्यक्ति का अधिकार है कि वह इस्लाम के दावों की समीक्षा करे। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो खतरा वास्तविक है, जैसा कि योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी है।
इस्लाम की राजनीतिक गतिविधियाँ
इस्लाम की राजनीतिक गतिविधियाँ दशकों से चर्चा का विषय रही हैं। कई धार्मिक हस्तियाँ जैसे मौलाना आजाद और अयातुल्ला खुमैनी ने राजनीतिक कार्यों के माध्यम से पहचान बनाई। खुमैनी का कथन, "पूरा इस्लाम राजनीति है," इस बात को स्पष्ट करता है।
जिहाद का वास्तविक अर्थ
जिहाद केवल हिंसा नहीं है, बल्कि इस्लाम को बढ़ावा देने और गैर-इस्लामी धर्मों को समाप्त करने का प्रयास है। इसके लिए हर प्रकार के उपाय, जैसे छल और विश्वासघात, को उचित माना जाता है। कुरान में जिहाद का अर्थ "कत्ल करना और कत्ल होना" बताया गया है।
गैर-मुस्लिमों के प्रति इस्लाम का दृष्टिकोण
कुरान में काफिरों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण स्पष्ट है। काफिरों को बुरा और घृणित बताया गया है। उनका केवल यह दोष है कि वे अपने धर्म पर अडिग हैं और इस्लाम को अस्वीकार करते हैं।
राजनीतिक इस्लाम का मुकाबला
राजनीतिक इस्लाम का मुकाबला केवल भौतिक शक्ति से नहीं किया जा सकता। यह एक वैचारिक लड़ाई है, जिसमें राजनीतिक इस्लाम के सिद्धांतों को समझना आवश्यक है।
योगी आदित्यनाथ का योगदान
योगी आदित्यनाथ ने इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान केंद्रित किया है। यह आवश्यक है कि बौद्धिक और शैक्षणिक संस्थान इस पर चर्चा और शोध को बढ़ावा दें।
